Edited By Harman Kaur,Updated: 18 Mar, 2025 11:36 AM

नागपुर में एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद हिंसा भड़क उठी। इसके बाद, कई घरों, वाहनों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने...
नेशनल डेस्क: नागपुर में एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद हिंसा भड़क उठी। इसके बाद, कई घरों, वाहनों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शहर के कई इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
अधिकारियों के अनुसार, सोमवार शाम करीब 7:30 बजे चिटनिस पार्क इलाके में अफवाह फैलने के बाद हिंसा शुरू हुई। इस दौरान हिंसक भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे 6 आम नागरिक और 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए। रात को हंसपुरी इलाके में भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और घरों में तोड़फोड़ की। चश्मदीदों का कहना है कि भीड़ ने घरों पर पत्थर फेंके और गाड़ियों को जलाया। इस दौरान एक क्लिनिक भी निशाने पर आया, जहां तोड़फोड़ की गई और दवाइयां फेंकी गईं।
चिटनिस पार्क और शुक्रवारी तालाब मार्ग के इलाके में हिंसा सबसे अधिक देखी गई। यहां कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और पत्थरबाजी की गई। महल इलाके के निवासी भी इस हिंसा से प्रभावित हुए। कुछ लोगों ने बताया कि भीड़ ने उनके घरों पर पत्थर फेंके और कारों में आग लगा दी। हंसपुरी इलाके के एक निवासी शरद गुप्ता ने बताया कि रात के वक्त उनकी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और उनकी दुकान में तोड़फोड़ की गई।
स्थानीय लोगों ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है और शहर में शांति बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्थिति को शांत करने के लिए शांति और सद्भाव की अपील की है।