Edited By Rohini Oberoi,Updated: 22 Apr, 2025 08:53 AM
जब हम और आप हवाई अड्डे पर जाते हैं तो सुरक्षा जांच की एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। गेट पर टिकट दिखाने से लेकर हवाई जहाज में अपनी सीट तक पहुंचने में कई बार सुरक्षाकर्मी हमारी तलाशी लेते हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई भी...
नेशनल डेस्क। जब हम और आप हवाई अड्डे पर जाते हैं तो सुरक्षा जांच की एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। गेट पर टिकट दिखाने से लेकर हवाई जहाज में अपनी सीट तक पहुंचने में कई बार सुरक्षाकर्मी हमारी तलाशी लेते हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई भी व्यक्ति ऐसी कोई चीज लेकर विमान में न चढ़े जिससे हजारों फीट ऊपर हवा में मौजूद यात्रियों की जान खतरे में पड़ जाए। इस वजह से आम यात्रियों को अक्सर लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता है जो थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें एयरपोर्ट पर इस तरह की किसी भी जांच से नहीं गुजरना पड़ता? उन्हें सीधे अपनी गाड़ी से हवाई जहाज तक जाने की अनुमति मिलती है।
दरअसल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए विशेष नियम बनाए हैं। इन लोगों को तीन अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया है और उन्हें सुरक्षा जांच में छूट दी गई है।
पहली श्रेणी में देश के सबसे महत्वपूर्ण लोग शामिल हैं। इनमें भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकारों के प्रमुख शामिल हैं। इन विशिष्ट व्यक्तियों के साथ उनके सुरक्षा दस्ते की गाड़ियों को भी बिना किसी सुरक्षा जांच के सीधे एयरपोर्ट के अंदर यानी एयर साइट तक जाने की अनुमति होती है।
दूसरी श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है जिन्हें अपनी निजी गाड़ी से सीधे एयर साइट तक जाने की इजाजत मिलती है। इस सूची में भारत के पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), लोकसभा अध्यक्ष, देश की प्रथम महिला (राष्ट्रपति की पत्नी), उपराष्ट्रपति की पत्नी और भारत में नियुक्त विदेशी उच्चायुक्त या राजदूत शामिल हैं।
तीसरी श्रेणी में भी कुछ खास लोगों को यह सुविधा मिलती है। इनमें राज्यों के राज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि इन लोगों को यह विशेष अनुमति केवल उनके अपने राज्य में स्थित एयरपोर्ट पर ही मिलती है। यानी अगर किसी राज्य के मुख्यमंत्री किसी दूसरे राज्य के एयरपोर्ट से यात्रा कर रहे हैं तो उन्हें सामान्य सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ सकता है।
इस प्रकार एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था जहां आम यात्रियों के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है वहीं देश के कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण व्यक्तियों को उनकी सुरक्षा और प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए इस प्रक्रिया से छूट दी गई है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि इन उच्च पदों पर बैठे लोगों का समय बचाया जा सके और उन्हें सुगम यात्रा का अनुभव मिल सके।