Edited By ,Updated: 19 Oct, 2016 12:57 PM
दिपावली का त्यौहार नजदीक है। लोग इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। यह त्यौहार भगवान राम से जुड़ा है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काट कर आयोध्या वापिस लौटे थे।
नई दिल्ली: दिपावली का त्यौहार नजदीक है। लोग इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। यह त्यौहार भगवान राम से जुड़ा है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काट कर आयोध्या वापिस लौटे थे। दिपावली दशहरे के 21 दिन बाद मनाई जाती है। कई बार जेहन में आता है दशहरे के 21 दिन बाद ही क्यों दिपावली मनाई जाती है इसको लेकर सोशल मीडिया में इन दिनों एक मैसेज काफी चर्चा में है।
ये कहा गया है मैसेज में
फेसबुक पर शेयर हो रहे इस पोस्ट में बताया गया है कि दशहरे के 21 दिन बाद ही दिवाली इसलिए मनाई जाती है क्योंकि दशहरे के दिन रावण को मारने के बाद भगवान राम पैदल अयोध्या लौटे थे। श्रीलंका से अयोध्या पहुंचने में भगवान राम को 21 दिन लगे थे। इस पोस्ट में गूगल मैप का एक फोटो भी शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि श्रीलंका से अयोध्या की दूरी 2586 किमी है। इस दूरी को अगर पैदल तय किया जाए तो उसमें भी 21 दिन (514घंटे) लगेंगे। यानी रोजाना करीब 123 किमी चलना पड़ेगा। मतलब हर घंटे पांच किमी चलना पड़ेगा, वो भी बिना रुके। यह मैसेज फेसबुक के अलावा वॉट्सऐप पर भी काफी शेयर हो रहा है।
गूगल पर राम का यह रूट
श्रीलंका में: श्रीलंका के डमबुल्ला के चांदना से राम का रूट शुरू होता है। यहां से किंबिसा, गलकुलामा, मिहिंटाले, मेडवाछिया होते हुए तलाईमन्नार तक पहुंचता है। इसके बाद वहां से समुद्र के जरिए रामेश्वरम पहुंचता है।
भारत में: यह रामेश्वरम से कुंबोकोणम, कांचीपुरम, तिरूपति, नेल्लोर, ओंगले, सूर्यापेट पहुंचता है। जहां से महाराष्ट्र के चंद्रपुर, नागपुर होते हुए एमपी के सिवनी, जबलपुर, कटनी, रीवा। इसके बाद यूपी के इलाहाबाद, सारोन, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, रेहट होते हुए अयोध्या जाता है।
कुछ लोग सहमत कुछ असहमत
कई लोग इस पोस्ट से सहमत हैं तो कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाए हैं कि राम पैदल नहीं, पुष्पक विमान से लंका से अयोध्या लौटे थे। हिंदू धर्म से संबंधित लोगों का कहना है कि ये सही है कि भगवान राम के अयोध्या पहुंचने पर दिवाली मनाई जाती है लेकिन ये गलत है कि वे पैदल आयोध्या आए क्योंकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है।