Edited By Mahima,Updated: 17 Mar, 2025 03:01 PM

विराट कोहली ने बीसीसीआई के नए नियम पर नाराजगी जताई, जिसके तहत विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार की मौजूदगी सीमित कर दी गई है। कोहली का मानना है कि परिवार का साथ खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य और प्रदर्शन में सुधार लाता है। उन्होंने कहा कि इस नियम...
नेशनल डेस्क: 15 मार्च को विराट कोहली ने अपनी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से जुड़ते हुए एक इवेंट में भाग लिया। इस इवेंट का आयोजन 'इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट' के नाम से पादुकोण-द्रविड़ सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में हुआ था। यहां भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने BCCI के एक नए नियम पर खुलकर अपनी नाराजगी जताई, जिसे विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार की मौजूदगी को सीमित करने के लिए लागू किया गया है। कोहली का मानना है कि परिवार का समर्थन उनके खेल में सकारात्मक बदलाव लाता है और इससे उनका प्रदर्शन बेहतर होता है।
क्या है BCCI का नया नियम?
BCCI ने हाल ही में एक सख्त ट्रेवल पॉलिसी जारी की थी, जिसके तहत अब विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार के सदस्य केवल एक बार, दो सप्ताह के लिए उनके पास रह सकते हैं। इससे पहले, खिलाड़ियों को कोई ऐसी पाबंदी नहीं थी और वे अपनी इच्छानुसार परिवार को अपने साथ ले जा सकते थे। इस नियम को लागू करने का कारण पिछले साल की घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत की न्यूजीलैंड से हुई हार और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत के खराब प्रदर्शन को बताया जा रहा है। कोहली और कप्तान रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ियों के प्रदर्शन में गिरावट आई थी, जिसके बाद यह नियम बनाया गया।
विराट कोहली ने क्यों जताई नाराजगी?
कोहली ने इवेंट में कहा कि यह बहुत कठिन है जब लोगों को यह समझाना पड़े कि किसी गंभीर घटना या खराब प्रदर्शन के बाद परिवार के पास लौटना कितना महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, "जब आप मैदान पर होते हैं और कुछ गंभीर होता है, तो आपको अपने परिवार के पास लौटने की जरूरत महसूस होती है। लेकिन यह समझना बहुत मुश्किल है कि यह क्यों जरूरी है। ऐसे समय में, परिवार का साथ होना मानसिक रूप से काफी मददगार होता है।" कोहली ने यह भी बताया कि जब प्रदर्शन अच्छा नहीं होता है तो खिलाड़ियों को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि उनके खराब प्रदर्शन का परिवार से कोई संबंध नहीं होता। कोहली ने कहा, "यह बहुत निराशाजनक होता है जब किसी खिलाड़ी के खराब प्रदर्शन के लिए उनके परिवार को दोषी ठहरा दिया जाता है। लोगों को यह समझना चाहिए कि परिवार का साथ खिलाड़ी के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है।"
प्रदर्शन सुधारने में परिवार का साथ कैसे मदद करता है?
कोहली ने इस बात पर जोर दिया कि जब किसी खिलाड़ी से पूछा जाता है कि क्या वे चाहते हैं कि उनका परिवार हमेशा उनके साथ रहे, तो उसका जवाब हमेशा हां होता है। उन्होंने कहा, "मैं अपने कमरे में अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता। मुझे सामान्य जीवन जीने की इच्छा है और मेरे परिवार का साथ मुझे ऐसा करने में मदद करता है। जब आपके पास परिवार होता है, तो आप अपने खेल को एक जिम्मेदारी के रूप में देख सकते हैं, और फिर उस जिम्मेदारी को पूरा करने के बाद आप सामान्य जीवन में लौट आते हैं।" कोहली ने यह भी बताया कि परिवार के साथ होने से खिलाड़ी मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत होते हैं, जिससे उनका प्रदर्शन भी बेहतर होता है। उनका मानना है कि परिवार का समर्थन खिलाड़ियों के खेल पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डालता है और यह नियम इस सकारात्मक प्रभाव को सीमित कर देता है।
BCCI का यह नियम खिलाड़ियों के लिए है झटका
इस नियम के कारण सीनियर खिलाड़ी जैसे विराट कोहली और रोहित शर्मा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पहले, जब भी खिलाड़ी मानसिक रूप से तनाव में होते थे या खेल में उतार-चढ़ाव का सामना करते थे, तो वे अपने परिवार के पास लौटकर कुछ समय बिता सकते थे, जिससे उनका मानसिक संतुलन बना रहता था। लेकिन अब यह नियम उन्हें उस आराम से वंचित करेगा, जो वे पहले प्राप्त कर सकते थे। यह नियम उनके लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए खिलाड़ियों को अपने परिवार का समर्थन चाहिए होता है। विराट कोहली ने BCCI के इस नए नियम पर अपने विचार साझा किए और बताया कि परिवार का साथ खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य और प्रदर्शन में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे नियम से खिलाड़ियों को मानसिक दबाव बढ़ सकता है, जिससे उनका प्रदर्शन और खराब हो सकता है। कोहली का मानना है कि यह नियम खिलाड़ियों के मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और इसके कारण खेल में सुधार की उम्मीद कम हो सकती है।