Edited By Mahima,Updated: 24 Feb, 2025 09:05 AM
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विराट कोहली ने 23 अक्टूबर 2022 को पाकिस्तान के खिलाफ शानदार शतक मारा और भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के मैच में 6 विकेट से जीत दिलाई। इस जीत से पहले, विराट ने प्रेमानंद महाराज से वृंदावन में मुलाकात की थी, जहां महाराज ने उन्हें साधना और अभ्यास के महत्व...
नेशनल डेस्क: भारत ने 23 अक्टूबर 2022 को दुबई में खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के महत्वपूर्ण मैच में पाकिस्तान को 6 विकेट से हराया। इस मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 111 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया, जिससे भारत की जीत सुनिश्चित हुई। कोहली की इस बेहतरीन पारी से न केवल क्रिकेट प्रेमी खुश हुए, बल्कि भारतीय टीम की पूरी रणनीति सफल रही और भारत ने पाकिस्तान को हराकर अपनी ताकत को साबित किया।
विराट कोहली की इस शानदार पारी के बाद एक और महत्वपूर्ण खबर सामने आई, जो उनके निजी जीवन से जुड़ी हुई है। कुछ दिन पहले विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और दोनों बच्चों के साथ वृंदावन पहुंचे थे, जहां उन्होंने प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान प्रेमानंद महाराज ने विराट की खेल में सफलता और कड़ी मेहनत की सराहना की और उन्हें जीवन और खेल के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
प्रेमानंद महाराज ने विराट को सलाह दी कि सफलता का राज साधना, अभ्यास, और भगवान के नाम स्मरण में छिपा है। उन्होंने कहा कि जैसे हम अपनी साधना के माध्यम से दूसरों को खुशियाँ और शांति प्रदान करते हैं, वैसे ही विराट का खेल देशभर में खुशी और उत्साह का कारण बनता है। महाराज ने यह भी कहा कि विराट को अपनी साधना और अभ्यास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि वह हमेशा उच्च स्तर की सफलता प्राप्त कर सकें। उनका मानना था कि विराट का खेल भी एक प्रकार की सेवा है, जिसमें वह भगवान की सेवा कर रहे हैं।
प्रेमानंद महाराज ने विराट से कहा, "अगर आप अभ्यास में ध्यान केंद्रित करेंगे और बीच-बीच में भगवान का नाम लेंगे, तो आपके खेल में न केवल उत्कृष्टता आएगी, बल्कि इससे पूरे देश को आनंद और खुशी मिलेगी। आपकी सफलता से पूरा भारत उत्साहित होता है और यह देशभर में एक आनंद का माहौल उत्पन्न करता है।" उन्होंने कहा कि विराट की साधना और अभ्यास का ही परिणाम है कि वह बड़े मंचों पर लगातार सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
महाराज ने विराट को यह भी समझाया कि खेल में जीत और हार दोनों ही अस्थायी हैं, लेकिन अगर व्यक्ति अपने उद्देश्य को सही तरीके से समझे और अपने लक्ष्य को पूरी निष्ठा से प्राप्त करने की कोशिश करे, तो वह निश्चित रूप से सफलता की ऊँचाईयों तक पहुँच सकता है। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, विराट का खेल और उनका साधना का तरीका दोनों ही भारत के लिए सेवा के समान हैं। यह सलाह विराट को खेल के दौरान मानसिक शांति और आत्मविश्वास पाने में मदद करती है। विराट की इस सलाह को मानते हुए, उन्होंने अपनी क्रिकेट में और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए हर रोज़ अपनी साधना और अभ्यास को बेहतर करने का संकल्प लिया।
विराट कोहली की यह यात्रा उनके क्रिकेट करियर और निजी जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी। प्रेमानंद महाराज के द्वारा दिए गए उपदेश और प्रोत्साहन ने उन्हें एक नई दिशा दिखाई, जिससे उनकी सफलता का मार्ग और भी सशक्त हुआ। इसके बाद विराट ने अपनी क्रिकेट में और भी निखार लाने की कोशिश की और अपनी पूरी ताकत से भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सफलता की राह पर आगे बढ़े।