Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Mar, 2025 04:15 PM

भारत के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों पर अपनी चिंता जाहिर की है।
नेशनल डेस्क: भारत के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों पर अपनी चिंता जाहिर की है। इन दिशा-निर्देशों के तहत विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार के साथ बिताए जाने वाले समय को सीमित कर दिया गया है। कोहली का मानना है कि खिलाड़ियों के लिए लंबी यात्राओं के दौरान अपने परिवार के साथ समय बिताना बेहद जरूरी है, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से संतुलित रह सकें।
बीसीसीआई का नया दिशा-निर्देश
ऑस्ट्रेलिया में भारत की 3-1 से टेस्ट सीरीज हार के बाद बीसीसीआई ने कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों के मुताबिक, केवल 45 दिन से लंबे दौरों पर ही खिलाड़ियों के परिवार के सदस्य दो सप्ताह बाद उनके साथ जुड़ सकते हैं, और वे अधिकतम 14 दिनों तक ही साथ रह सकते हैं। वहीं, छोटे दौरों में खिलाड़ियों को परिवार के साथ केवल एक सप्ताह तक समय बिताने की अनुमति दी जाती है। इस नए दिशा-निर्देश का उद्देश्य खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रखना और टीम के प्रदर्शन में सुधार लाना है।
विराट कोहली की प्रतिक्रिया
विराट कोहली ने इस दिशा-निर्देश पर अपनी असहमति जताई और कहा कि यह समझाना बहुत मुश्किल है कि जब कोई खिलाड़ी मानसिक दबाव या मुश्किल दौर से गुजर रहा होता है, तो उसका परिवार उसके लिए कितनी अहमियत रखता है। कोहली ने कहा, “यह बहुत कठिन है कि लोग यह समझें कि परिवार के पास लौटने से एक खिलाड़ी को कितना संतुलन मिल सकता है। परिवार का क्रिकेट पर कोई प्रभाव नहीं होता, लेकिन वे मानसिक रूप से खिलाड़ियों को बहुत सपोर्ट करते हैं।” वह कहते हैं, “कोई भी खिलाड़ी अकेले कमरे में बैठकर उदास नहीं रहना चाहता। परिवार के साथ समय बिताना एक सामान्य और खुशहाल जीवन जीने का हिस्सा है। जब हम अपने क्रिकेट करियर में अपनी जिम्मेदारी निभा लेते हैं, तो फिर घर लौटकर अपने परिवार के साथ समय बिताना एक खुशी का पल होता है।”
खिलाड़ियों के मानसिक संतुलन की अहमियत
विराट कोहली का कहना है कि लंबे दौरे के दौरान मानसिक रूप से मजबूत रहना बहुत जरूरी है और इसके लिए परिवार का साथ होना बेहद अहम है। खिलाड़ी के लिए मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना आसान नहीं होता, खासकर तब जब वह अपनी टीम के प्रदर्शन पर पूरी तरह से केंद्रित रहता है। ऐसे में परिवार का साथ मिलना, उन्हें मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है, जिससे वे खेल पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।