Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Oct, 2024 09:03 AM
सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में कर-मुक्त योगदान की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, इस सीमा को 2.5 लाख रुपये पर रखा गया है, जिसके ऊपर अर्जित ब्याज कर के दायरे में आता है। सरकार अब इस सीमा को...
नेशनल डेस्क: सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में कर-मुक्त योगदान की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, इस सीमा को 2.5 लाख रुपये पर रखा गया है, जिसके ऊपर अर्जित ब्याज कर के दायरे में आता है। सरकार अब इस सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रही है, ताकि निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग अपनी बचत में वृद्धि कर सकें और रिटायरमेंट के लिए अधिक धनराशि जुटा सकें।
वित्त वर्ष 2026 के बजट में हो सकता है फैसला
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, श्रम मंत्रालय इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है और संभवतः वित्त मंत्रालय के साथ इसे वित्त वर्ष 2026 के बजट में शामिल करने पर चर्चा करेगा। इस बदलाव का उद्देश्य मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों को अपनी बचत को सुरक्षित और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
VPF: स्वैच्छिक भविष्य निधि क्या है?
VPF (स्वैच्छिक भविष्य निधि) EPFO के तहत एक योजना है, जिसमें कर्मचारी अपनी अनिवार्य भविष्य निधि (EPF) के अलावा स्वैच्छिक रूप से अधिक योगदान कर सकते हैं। VPF में योगदान EPF की तरह ही चक्रवृद्धि ब्याज के अनुसार बढ़ता है, और इसकी ब्याज दर भी समान होती है। VPF के तहत कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट बचत में वृद्धि का अवसर मिलता है, जिससे भविष्य में अधिक वित्तीय सुरक्षा हासिल की जा सकती है।
टैक्स छूट की सीमा और योगदान के फायदे
वर्तमान में, VPF में 2.5 लाख रुपये तक का सालाना योगदान कर-मुक्त है, जो वित्त वर्ष 2022 के बजट में तय किया गया था। इसका मकसद उच्च आय वाले कर्मचारियों को इस योजना का दुरुपयोग कर अधिक टैक्स-फ्री ब्याज प्राप्त करने से रोकना था। हालांकि, अब इस सीमा को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है ताकि अधिक कर्मचारी इसका लाभ उठा सकें। VPF में किया गया योगदान 12% की अनिवार्य EPF कटौती से अधिक हो सकता है, और कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 100% तक का योगदान कर सकते हैं।
EPFO के तहत मौजूदा फंड
EPFO के पास वर्तमान में 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी है, और इसके 70 मिलियन मासिक अंशदाता और 7.5 मिलियन से अधिक पेंशनभोगी हैं। VPF के जरिए कर्मचारी अपने भविष्य निधि में अधिक योगदान कर सकते हैं, जिससे रिटायरमेंट के लिए अधिक फंड इकट्ठा हो सकेगा। इस योजना की ब्याज दर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 8.25% निर्धारित की गई है।
VPF का दीर्घकालिक लाभ
VPF में किया गया निवेश लंबे समय में कर्मचारियों को बड़ा रिटर्न दे सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई कर्मचारी प्रति माह 20,833 रुपये का निवेश करता है, तो वह 30 साल की अवधि में 8.25% ब्याज दर पर लगभग 3.3 करोड़ रुपये जमा कर सकता है। यह योजना कम जोखिम और बेहतर रिटर्न की वजह से रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत विकल्प मानी जाती है।
इस संभावित बदलाव के साथ, सरकार का उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी रिटायरमेंट योजनाओं में अधिक से अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित करना और उन्हें दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।