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सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन बिल 2025 के खिलाफ पहली याचिका, लगाया गया ये आरोप

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Apr, 2025 04:57 PM

waqf amendment bill 2025 supreme court first petition

वक्फ एक्ट में किए गए बदलावों को लेकर शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका दाखिल की गई। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इस बिल को संविधान के मौलिक और धार्मिक अधिकारों के खिलाफ बताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जावेद ने...

नेशनल डेस्क: वक्फ एक्ट में किए गए बदलावों को लेकर शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका दाखिल की गई। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इस बिल को संविधान के मौलिक और धार्मिक अधिकारों के खिलाफ बताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जावेद ने कहा कि यह कानून मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है और इसमें ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं जो अन्य धार्मिक संगठनों या ट्रस्टों पर लागू नहीं होते।

याचिकाकर्ता का तर्क क्या?

मोहम्मद जावेद, जो कांग्रेस के लोकसभा में व्हिप भी हैं, ने अपनी याचिका में कहा कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता), अनुच्छेद 26 (धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता), अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यकों के अधिकार) और अनुच्छेद 300A (संपत्ति का अधिकार) का उल्लंघन करता है।

वक्फ एक्ट में किए गए बदलावों पर सवाल

याचिका में कहा गया है कि जब हिंदू और सिख ट्रस्टों को स्व-नियमन की छूट प्राप्त है, तो केवल वक्फ संपत्तियों के मामलों में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाना असमान और अनुचित है। जावेद ने इस संशोधन के उस प्रावधान पर भी आपत्ति जताई है, जिसमें कहा गया है कि वक्फ संपत्ति केवल उसी व्यक्ति द्वारा दी जा सकती है जो कम से कम पांच वर्षों से इस्लामिक प्रैक्टिस कर रहा हो। यह प्रावधान उन लोगों के साथ भेदभाव करता है जिन्होंने हाल ही में इस्लाम अपनाया है और अपनी संपत्ति वक्फ को देना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई की शुरुआत

इस बिल को हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में पास किया गया था और अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है। हालांकि, इससे पहले ही इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहली चुनौती पेश कर दी गई है। याचिका एडवोकेट अनस तनवीर के माध्यम से दाखिल की गई है, जिसमें तर्क दिया गया है कि यह संशोधन कानून मुसलमानों को उनके धार्मिक और संपत्ति अधिकारों से वंचित करने का प्रयास करता है।

विपक्ष का रुख कैसा?

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस संशोधन का विरोध किया था, लेकिन सरकार ने इसे दोनों सदनों में बहुमत से पास करा लिया। विपक्ष का कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने के उद्देश्य से लाया गया है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

सरकार का पक्ष

सरकार का कहना है कि यह संशोधन पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए लाया गया है। सरकार के अनुसार, इस कानून से वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी।

 

 

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