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Waqf Bill: वक्फ की ज़मीन पर 15 लाख किरायेदार, JPC की रिपोर्ट में चिंता, सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील

Edited By Mahima,Updated: 04 Feb, 2025 12:14 PM

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संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट में वक्फ संपत्तियों पर रहने वाले 15 लाख किरायेदारों की चिंताओं का उल्लेख है। किरायेदारों ने वक्फ बोर्ड के अनुचित व्यवहार और उनके अधिकारों की रक्षा न होने की शिकायत की है। समिति ने सरकार से सख्त कदम उठाने और...

नेशनल डेस्क: वक्फ संपत्तियों पर लंबे समय से रह रहे किरायेदारों की समस्याओं पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने अपनी रिपोर्ट में गंभीर चिंता व्यक्त की है। समिति के अनुसार, देशभर में वक्फ की ज़मीन पर लगभग 10 से 15 लाख किरायेदार रहते हैं, जिनमें से दिल्ली में 2,600 किरायेदार वक्फ संपत्तियों पर हैं। इन किरायेदारों का कहना है कि वे पिछले 75 वर्षों से वक्फ की दुकानों में अपनी रोज़ी-रोटी कमा रहे हैं, लेकिन अब वक्फ बोर्ड उनका शोषण कर रहा है और उन्हें अतिक्रमणकारी जैसा व्यवहार मिल रहा है, जो पूरी तरह से गलत और मनमाना है।

समिति की रिपोर्ट के पेज 407 और 408 में दिल्ली वक्फ किरायेदार कल्याण संघ की तरफ से पेश की गई समस्याओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है। किरायेदारों ने संसदीय समिति के सामने यह आरोप लगाया कि पिछले कई दशकों से वे वक्फ संपत्तियों पर रह रहे हैं और कई बार अपनी दुकानों की मरम्मत भी की है, लेकिन इसके बदले उन्हें कभी कोई मुआवजा नहीं मिला। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड ने समय-समय पर उनसे बड़ी राशि दान के रूप में ली है और किराया भी बढ़ाया है, लेकिन अब उन्हें उन संपत्तियों की नीलामी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के किरायेदारों ने यह भी बताया कि जब एक किरायेदार की मृत्यु होती है, तो उनके उत्तराधिकारी को संपत्ति पर अधिकार नहीं दिया जाता और वक्फ बोर्ड उनसे फीस वसूलने की कोशिश करता है, जो पूरी तरह से अनुचित है। इन घटनाओं से इन किरायेदारों में असुरक्षा और डर की भावना उत्पन्न हो रही है।

सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील
संयुक्त संसदीय समिति ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और वक्फ बोर्ड तथा किरायेदारों के बीच एक भरोसे और सहयोग का माहौल बनाने की आवश्यकता जताई है। समिति ने सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की है ताकि दोनों पक्षों के हितों का संतुलन बना रहे और किरायेदारों के अधिकारों का संरक्षण किया जा सके। समिति ने यह भी सिफारिश की है कि वक्फ किरायेदारों के बीच डर को समाप्त करने के लिए लंबी अवधि के पट्टे दिए जाएं। इससे न केवल किरायेदारों का भविष्य सुरक्षित रहेगा, बल्कि वक्फ संपत्तियों की स्थिति भी बेहतर हो सकेगी। समिति का कहना है कि सरकार को जल्द ही वक्फ किरायेदारों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी कदम उठाने चाहिए। यदि सरकार समय रहते उचित कदम नहीं उठाती, तो यह समस्या और बढ़ सकती है, और इन किरायेदारों का जीवन और भी कठिन हो सकता है।

वक्फ किरायेदारों के अधिकारों की रक्षा 
अब सरकार पर यह दबाव बढ़ गया है कि वह वक्फ किरायेदारों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए। संसद की संयुक्त संसदीय समिति ने एक ठोस कदम उठाने की जरूरत को महसूस किया है, ताकि किरायेदारों को उनके अधिकार मिले और वे किसी तरह की असुरक्षा का सामना न करें। संविधान और कानूनी ढांचे के तहत वक्फ संपत्तियों के किरायेदारों की स्थिति और अधिकारों को लेकर संसद की संयुक्त संसदीय समिति ने गंभीर चिंता जताई है। समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि वक्फ संपत्तियों पर रहने वाले किरायेदारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। रिपोर्ट में वक्फ बोर्ड और किरायेदारों के बीच सहयोग और विश्वास का माहौल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

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