Edited By Archna Sethi,Updated: 31 Dec, 2024 07:58 PM
पंजाब में नशों के खिलाफ युद्ध जारी
चंडीगढ़, 31 दिसंबर: (अर्चना सेठी) साल 2024 के अंत की ओर बढ़ते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने और राज्य में होने वाले सभी बड़े और हाई-प्रोफाइल अपराधों को सफलतापूर्वक हल करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। यह जानकारी आज यहां पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मुख्यालय सुखचैन सिंह गिल ने दी।
"पुलिस थानों पर लगातार हमलों से लेकर नंगल में हिंदू नेता विकास बग्गा और पूर्व आतंकवादी रतनदीप सिंह की हाई-प्रोफाइल हत्याओं तक, पंजाब पुलिस ने दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है।"साल 2024 के दौरान हल किए गए अन्य महत्वपूर्ण मामलों में चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में एक आवास पर हैंड ग्रेनेड हमला, मानसा में एक पेट्रोल पंप पर हैंड ग्रेनेड हमला और फिरोजपुर में तिहरा हत्या का मामला शामिल है। नए साल की पूर्व संध्या पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि पंजाब पुलिस द्वारा शुरू किया गया निर्णायक युद्ध जारी है और पुलिस ने साल 2024 में 12255 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें से 1213 वाणिज्यिक मामलों से संबंधित हैं, और 210 बड़े माफियाओं सहित 8935 नशा तस्करों/सप्लायरों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने पूरे राज्य से 1099 किलोग्राम हेरोइन, 991 किलोग्राम अफीम, 414 क्विंटल भुक्की और 2.94 लाख गोलियां/कैप्सूल/टीके/फार्मा ओपिओइड्स की शीशियां बरामद की हैं, साथ ही गिरफ्तार किए गए नशा तस्करों से 14.73 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद की है।
पंजाब में नशीले पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के संबंध में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, पंजाब पुलिस ने प्रिवेंशन ऑफ इलिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (पीआईटी-एनडीपीएस) अधिनियम के तहत विशेष प्रावधानों का उपयोग करते हुए, लुधियाना के गुरदीप सिंह उर्फ राणो सरपंच और गुरदासपुर के अवतार सिंह उर्फ तारी सहित दो कुख्यात नशा तस्करों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम की धारा 3 सरकार को ऐसे नशा तस्करों को नशीले पदार्थों और मनोवैज्ञानिक पदार्थों की अवैध तस्करी में शामिल होने से रोकने के लिए निवारक हिरासत में लेने का अधिकार देती है।
आईजीपी ने बताया कि पुलिस ने इस साल बड़े तस्करों की 335 करोड़ रुपये की 531 संपत्तियां भी जब्त की हैं। उन्होंने कहा कि थोड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए 71 नशे के आदी लोगों ने पुनर्वास उपचार करवाने का वादा करके एन.डी.पी.एस. की धारा 64-ए का लाभ उठाया है।
उन्होंने कहा कि एन.डी.पी.एस मामलों में फरार अपराधियों/भगौड़ौं को पकड़ने के लिए चल रहे विशेष अभियान के हिस्से के रूप में, पंजाब पुलिस ने 1 जनवरी, 2024 से अब तक 843 पी.ओज़ को गिरफ्तार किया है।
गैंगस्टरों के खिलाफ पंजाब पुलिस की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, आईजीपी ने कहा कि एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने फील्ड यूनिटों के साथ मिलकर 559 गैंगस्टरों/अपराधियों को गिरफ्तार किया है और 198 गैंगस्टरों/अपराधी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है और उनके पास से 482 हथियार, अपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने वाले 102 वाहन, 7 किलो हेरोइन और 2.14 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद की है।
"उन्होंने कहा कि इस साल पुलिस पार्टियों और अपराधियों के बीच कम से कम 64 बार गोलीबारी हुई, जिसमें 3 गैंगस्टर/अपराधी मारे गए और 63 गैंगस्टर/अपराधी गिरफ्तार किए गए, जिनमें से 56 घायल हुए। आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा, "दुर्भाग्य से, हमारे एक साथी की शहादत हो गई, जबकि गोलीबारी के दौरान नौ पुलिस कर्मचारी घायल हुए।"
आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों की जानकारी देते हुए आईजीपी ने बताया कि साल 2024 के दौरान, आंतरिक सुरक्षा विंग ने 66 आतंकवादियों को गिरफ्तार कर 12 आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है और उनके पास से 2 राइफल, 76 रिवॉल्वर/पिस्तौल, 2 टिफिन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आई.ई.डी.), 758 ग्राम आर.डी.एक्स और अन्य विस्फोटक, 4 हैंड ग्रेनेड और 257 ड्रोन बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने ड्रोन के माध्यम से फेंकी गई 185 किलो हेरोइन, 24 पिस्तौल, एक एके-47 राइफल, एक आईईडी और 4.18 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की है। उन्होंने बताया कि इस साल के दौरान 513 ड्रोन देखे गए हैं।
उन्होंने कहा कि जेलों के अंदर मोबाइल फोन के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस ने 2348 आई.एम.ई.आई. नंबरों को ब्लैकलिस्ट किया है और 731 मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा गैंगस्टरों को उत्साहित करने और हिंसा को हौसला देने वाले कम से कम 483 सोशल मीडिया खातों को ब्लॉक किया गया है।
आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनकी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा हर साल पंजाब में भर्ती की जाती है। अप्रैल 2022 से अब तक कुल 10,000 से अधिक भर्तियां की गई हैं जिनमें से 4657 नियुक्ति पत्र इसी साल सौंपे गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि साल 2024 में 288 सब-इंस्पेक्टरों, 450 हेड कांस्टेबलों और 3919 कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं जबकि 1746 कांस्टेबलों की भर्ती प्रक्रिया अधीन है।
पंजाब सरकार द्वारा पंजाब पुलिस को देश की नंबर एक पुलिस बनाने के लिए इसे मजबूत करने और इसके आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।सड़कों को सुरक्षित बनाने और सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए शुरू किए गए ड्रीम प्रोजेक्ट सड़क सुरक्षा फोर्स (एस.एस.एफ) के तहत पहले चार महीनों में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में 15.74 प्रतिशत की कमी आई है और 6 मिनट और 45 सेकंड से कम के औसतन रिस्पांस टाइम के साथ 147 जानें बचाई गई हैं और 9836 हादसों में सहायता प्रदान की गई है। एस.एस.एफ. द्वारा 5661 व्यक्तियों को मौके पर प्रारंभिक सहायता प्रदान की गई है और 5686 घायल व्यक्तियों को डाक्टरी देखभाल के लिए अस्पतालों पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा निगरानी बढ़ाने और नशा तस्करों और समाज विरोधी तत्वों पर नजर रखने के लिए कई जिलों और सरहदी क्षेत्रों में क्लोज्ड सर्किट टेलीविज़न (सी.सी.टी.वी.) कैमरे लगाने के लिए पहले ही 45.19 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा पंजाब पुलिस के बेड़े में 426 उच्च स्तरीय वाहन शामिल किए गए हैं।
आईजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने भी वर्ष 2024 के दौरान महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जिसके तहत पिछले वर्ष की तुलना में साइबर रिपोर्टिंग में 82.7 प्रतिशत का वृद्धि हुई है। रिपोर्टिंग में यह वृद्धि नागरिकों में बढ़ते विश्वास और साइबर क्राइम के बारे में जागरूकता के साथ-साथ ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग के महत्व को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम डिवीजन ने पूरे राज्य में 28 नए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों की स्थापना करके एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिसके परिणामस्वरूप 374 एफआईआर दर्ज कर 64 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग हेल्पलाइन (1930) पर 35,201 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें 467.1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट की गई और लाइन मार्किंग के माध्यम से 73.34 करोड़ रुपये बचाए गए। उन्होंने आगे बताया कि लाइन मार्किंग के संबंध में पंजाब जुलाई महीने के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर पहले नंबर पर रहा। डिवीजन ने हानिकारक सामग्री वाली 7,500 से अधिक यू.आर.एल. को भी ब्लॉक किया और साइबर अपराधों से निपटने के लिए 966 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है।
आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि पंजाब के जेल विभाग द्वारा राज्य की जेलों में संगठित अपराधों पर लगाम लगाने के लिए भी अहम कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि उच्च-जोखिम वाले कैदियों (एच.आर.पीज़) की पहचान और उनको श्रेणीकृत करने के लिए एक मुख्य रणनीति अपनाई गई है जिसके तहत 13 जेलों में गैंगस्टरों, नशा तस्करों और आतंकवादियों समेत 456 व्यक्तियों को 40 उच्च-सुरक्षा जोन (एच.एस.जेडज़) में अलग-अलग रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से मोबाइल के गैर-कानूनी इस्तेमाल को रोका गया है और इन उच्च जोखिम वाले कैदियों के बीच संचार पर रोक लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गुप्त जानकारी एकत्र करने की ओर ध्यान केंद्रित किया गया है और रोजाना अनिवार्य रूप से तलाशियां ली जा रही हैं और 8 केंद्रीय जेलों में ए.आई.-आधारित सी.सी.टी.वी. प्रणालियों समेत निगरानी संबंधी आधुनिक प्रणालियों को स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य बुनियादी ढांचे को भी अपग्रेड किया जा रहा है जिसमें लुधियाना के पास एक नई उच्च-सुरक्षा वाली जेल का निर्माण और सभी संवेदनशील जेलों में उन्नत सुरक्षा विशेषताओं का विस्तार, जैसे कि वी-कवच जैमर, ए.आई.-आधारित सी.सी.टी.वी. सिस्टम, और एक्स-रे स्कैनर आदि शामिल है।