'हम BJP का समर्थन करेंगे....' AAP विधायक के बयान से मचा बवाल

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 15 Feb, 2025 05:38 PM

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली हार के बाद पार्टी के अंदर विधायकों के टूटने का डर बढ़ गया है। इसी संकट से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 फरवरी को दिल्ली के सभी नवनिर्वाचित AAP विधायकों के साथ एक...

नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली हार के बाद पार्टी के अंदर विधायकों के टूटने का डर बढ़ गया है। इसी संकट से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 फरवरी को दिल्ली के सभी नवनिर्वाचित AAP विधायकों के साथ एक अहम बैठक की थी। बैठक के बाद पार्टी में न केवल राजनीतिक रणनीतियों पर चर्चा हुई, बल्कि एक विधायक का बयान भी चर्चा का विषय बन गया और राजनीति हलचल तेज हो गई है। किराड़ी विधानसभा क्षेत्र से AAP के विजयी उम्मीदवार अनिल झा ने एक बयान देकर राजनीति में हलचल मचा दी। उन्होंने यमुना नदी की सफाई के बारे में भाजपा के हालिया वादे पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की। झा ने कहा, "भाजपा ने कहा है कि वे 5-7 महीनों में यमुना नदी को साफ करेंगे और फिर नदी में डुबकी लगाएंगे। हम उनका समर्थन करेंगे ताकि वे यमुना नदी में डुबकी लगा सकें।" उनका यह बयान काफी चर्चित हो गया और लोगों में राजनीतिक टिप्पणियों का सिलसिला शुरू हो गया।

यमुना सफाई पर BJP का रुख

इससे पहले, भाजपा के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी यमुना नदी को साफ करने के बारे में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद यमुना नदी की सफाई उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में भाजपा सरकार के लिए स्पष्ट एजेंडा तय किया है और भाजपा द्वारा किए गए हर वादे को वह पूरा करेंगे।

राजनीतिक बयानों में बढ़ती हुई तल्खी

अनिल झा का बयान केवल एक तंज नहीं था, बल्कि दिल्ली की राजनीति में भाजपा और AAP के बीच बढ़ती हुई तल्खी को भी उजागर करता है। AAP जहां भाजपा की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए आलोचना करने में पीछे नहीं हटती, वहीं भाजपा अपनी वादों को पूरा करने का दावा कर रही है। यमुना नदी की सफाई का वादा भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा बन चुका है, और इसके लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी जारी रहेगी।

AAP के भीतर की घेराबंदी

दिल्ली में AAP की हार के बाद पार्टी के अंदर टूट की संभावनाओं को लेकर केजरीवाल चिंतित नजर आए। इसी कारण उन्होंने विधायकों के साथ बैठक की थी। बैठक का उद्देश्य विधायकों को एकजुट रखना और पार्टी की आंतरिक मजबूती को बनाए रखना था। हालांकि, अनिल झा का यह बयान इस बात का संकेत है कि पार्टी के भीतर कुछ असंतोष भी हो सकता है, जो भविष्य में मुश्किल पैदा कर सकता है।

 

 

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