Edited By Mahima,Updated: 12 Nov, 2024 09:32 AM
दिल्ली में नवंबर का मौसम सामान्य से 2-5°C ज्यादा गर्म है, और उमस बनी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350-400 के बीच पहुंचने से दृश्यता और स्वास्थ्य पर असर पड़ा है। मौसम विभाग ने 15 नवंबर के बाद बारिश और ठंड की संभावना जताई है, जिससे स्मॉग कम हो...
नेशनल डेस्क: दिल्ली और NCR में नवंबर का महीना आते ही ठंड का अहसास होना चाहिए था, लेकिन इस बार मौसम कुछ असमंजस में है। नवंबर के दूसरे हफ्ते में भी दिल्ली में गर्मी, उमस और स्मॉग की स्थिति बनी हुई है, जबकि वैज्ञानिकों ने इस साल के मौसम को लेकर कुछ चौंकाने वाली भविष्यवाणियां की हैं। दिल्ली में तापमान सामान्य से 2-5 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है, और ठंड का इंतजार अभी भी जारी है। इस साल, वैश्विक मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने "ला नीना" के प्रभाव से उत्तर भारत, खासकर दिल्ली में अधिक ठंड पड़ने की संभावना जताई है। हालांकि, दिल्ली में अभी तक ठंड के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं। यहां तक कि मौसम विभाग ने 15 नवंबर को बादल छाने और हल्की बारिश की संभावना जताई है, जो स्मॉग को धुल सकता है और ठंड की शुरुआत हो सकती है।
दिल्ली का मौसम: क्या बदलाव आएगा?
दिल्ली में नवंबर के दूसरे हफ्ते में तापमान चौंकाने वाला रहा है। अभी तक दिल्ली का अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से 2-5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है, जिससे लोगों को ठंड का अहसास नहीं हो रहा है। इस समय दिल्ली में हवा में भी गर्मी महसूस हो रही है, और उमस के कारण लोग परेशान हैं। मौसम विभाग ने 15 नवंबर के आसपास बादल छाने का अलर्ट दिया है। यदि बारिश होती है, तो स्मॉग की परत धुल जाएगी और इसके बाद ठंड की शुरुआत हो सकती है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बारिश होगी या नहीं। अगर बारिश होती है तो इसका असर दिल्ली की हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ेगा और स्मॉग की स्थिति में सुधार हो सकता है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता पर संकट
दिल्ली में इन दिनों वायु गुणवत्ता का स्तर बहुत खराब हो गया है। हवा की गति धीमी होने के कारण वायु प्रदूषण तेजी से फैल रहा है और AQI (Air Quality Index) का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। सोमवार को दिल्ली का AQI 352 दर्ज किया गया, जो "बेहद खराब" श्रेणी में आता है। मंगलवार को भी दिल्ली का AQI 354 के आसपास था, जो लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल बना रहा है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में जैसे गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और गुरुग्राम में भी AQI 200-300 के बीच बना हुआ है। इस खराब वायु गुणवत्ता के कारण लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सफदरजंग एयरपोर्ट पर सोमवार को सुबह 7 बजे दृश्यता 700 मीटर थी, जबकि पालम क्षेत्र में सुबह 7:30 बजे के आसपास दृश्यता 1000 मीटर दर्ज की गई। धुंध के कारण सुबह के समय विजिबिलिटी में गिरावट देखी गई, जिससे यातायात पर असर पड़ा।
कोहरे और ठंड का क्या होगा असर?
दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में नवंबर के अंत तक घना कोहरा छाने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, 15 नवंबर के बाद कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है, जिसका असर मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरे के रूप में देखने को मिलेगा। कोहरे की चादर के कारण दिल्ली में सुबह और शाम के समय दृश्यता में कमी आ सकती है। उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी सुबह के समय घना कोहरा और धुंध देखी जा सकती है, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है। वहीं, दिल्ली में भी अगर बारिश होती है तो कोहरे की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है, जिससे ठंड का असर बढ़ सकता है।
क्या करें जब हवा और मौसम खराब हो?
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और खराब मौसम को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है। खासकर जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है या जिन्हें श्वसन संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें मास्क पहनकर बाहर निकलने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, वाहन चालकों को भी सड़क पर चलते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि कोहरे और धुंध के कारण विजिबिलिटी कम हो सकती है। दिल्ली का मौसम इस बार मौसम विज्ञानियों के लिए असमंजस का कारण बन रहा है। जहां एक ओर 15 नवंबर के बाद ठंड और बारिश की संभावना जताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर वायु गुणवत्ता का स्तर भी चिंता का विषय बना हुआ है। यदि बारिश होती है, तो यह स्मॉग को धुल सकता है और ठंड की शुरुआत हो सकती है। हालांकि, इस समय दिल्ली में उमस और गर्मी की स्थिति बनी हुई है, जिससे लोग ठंड का इंतजार कर रहे हैं।