Edited By Mahima,Updated: 11 Nov, 2024 12:06 PM
गुजरात के भावनगर में एक शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा "बंटोगे तो कटोगे" छपा है। इस कार्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राम मंदिर का डिजाइन भी शामिल है। भाजपा कार्यकर्ता ने...
नेशनल डेस्क: गुजरात के भावनगर जिले के एक छोटे से गांव में एक शादी का कार्ड इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस कार्ड की वजह से न सिर्फ लोग उत्सुक हैं, बल्कि यह एक राजनीतिक विवाद का भी कारण बन चुका है। कार्ड में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चर्चित और विवादित नारा "बंटोगे तो कटोगे" छपा हुआ है। इस नारे के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी मौजूद है, जो इसे और अधिक संवेदनशील बना रहा है। आइए, जानते हैं इस वायरल कार्ड के बारे में विस्तार से।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना गुजरात के भावनगर जिले के महुवा तहसील के वांगर गांव से जुड़ी हुई है। यहां रहने वाले एक भाजपा कार्यकर्ता के घर 23 नवंबर को शादी होने जा रही है। इस शादी के निमंत्रण पत्र पर सीएम योगी आदित्यनाथ का चर्चित नारा "बंटोगे तो कटोगे" छपवाया गया है। इस नारे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी दिखाई गई है। शादी के कार्ड में इस नारे का इस्तेमाल करने की वजह से यह सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया है और अब यह पूरे राज्य में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
बंटोगे तो कटोगे" नारे का महत्व और संदर्भ
"बंटोगे तो कटोगे" नारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान दिया था। इस नारे का उद्देश्य हिंदू समुदाय को एकजुट करना और यह संदेश देना था कि जो लोग देश की एकता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश करेंगे, उनका हाल बुरा होगा। योगी आदित्यनाथ ने यह बयान देते हुए कहा था कि "देश में जातिवाद और धर्म के नाम पर बांटने की राजनीति करने वालों को जवाब देना होगा"। इस नारे का उद्देश्य इन ताकतों को चुनौती देना था, जो समाज में विभाजन की कोशिश कर रहे थे। यह नारा पहले हरियाणा के विधानसभा चुनावों में गूंजा था, जहां योगी ने अपने भाषणों के दौरान इसे बार-बार दोहराया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को भारत में लाने की कोशिश की जा रही है, जिससे समाज में और अशांति फैल सकती है। उनके मुताबिक, यह सब तब तक नहीं रुकेगा जब तक लोग एकजुट नहीं होते और अपने हित में काम नहीं करते।
कार्ड में क्या-क्या छपा है?
गुजरात के इस शादी के कार्ड में सीएम योगी आदित्यनाथ का नारा "बंटोगे तो कटोगे" के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी छपी हुई है। इसके अलावा, इस कार्ड में राम मंदिर का डिज़ाइन भी शामिल किया गया है। जो लोग इस कार्ड को देख रहे हैं, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ हिंदू धर्म के प्रतीकों को भी प्रमुखता दे रहा है। इसके साथ ही, कार्ड में स्वच्छता अभियान और स्वदेशी अपनाने की बात भी की गई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का समर्थन करने वाला प्रतीक माना जा सकता है। इस कार्ड को देखकर यह साफ प्रतीत होता है कि इसका उद्देश्य केवल शादी के निमंत्रण देना नहीं है, बल्कि एक सामाजिक और राजनीतिक संदेश भी देना है। यह संदेश भाजपा के एजेंडे को फैलाने और लोगों को जागरूक करने के लिए तैयार किया गया है।
राजनीतिक संदर्भ: "बंटोगे तो कटोगे"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का "बंटोगे तो कटोगे" नारा राजनीति के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। योगी आदित्यनाथ ने यह नारा 2019 में एक रैली के दौरान दिया था, जब वे झारखंड के चुनाव प्रचार के लिए गए थे। उस समय उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि यह नारा जातिवाद और धर्म के आधार पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे तत्वों के खिलाफ है। उनका कहना था कि ऐसे तत्वों को कठोर जवाब देने की आवश्यकता है जो समाज में तनाव और असहमति फैला रहे हैं। योगी आदित्यनाथ का यह बयान उस वक्त भी चर्चा में था, और विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया था। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना था कि योगी का यह बयान समाज को और अधिक विभाजित करने वाला है। लेकिन भाजपा ने इसे एकजुटता की दिशा में उठाया गया कदम माना और इसे समर्थन दिया।
शादी के कार्ड के वायरल होने के बाद की प्रतिक्रियाएं
जैसे ही यह शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोग अपनी-अपनी राय देने लगे। कुछ लोग इस कार्ड को एक मजेदार और स्मार्ट तरीके से सामाजिक जागरूकता फैलाने का प्रयास मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडे के प्रचार के तौर पर देख रहे हैं। कई लोगों ने इस पर सवाल उठाया कि क्या शादी के कार्ड का इस्तेमाल इस तरह के राजनीतिक नारों और संदेशों के लिए करना सही है या नहीं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह केवल एक व्यक्तिगत पहल है और कोई भी किसी भी अवसर पर अपनी विचारधारा और विश्वास का प्रचार कर सकता है। इस कार्ड को लेकर अब तक अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और यह मुद्दा सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में बना हुआ है।
कार्ड में अन्य संदेश
इस शादी के कार्ड में केवल योगी आदित्यनाथ के नारे और मोदी की तस्वीर ही नहीं, बल्कि स्वच्छता अभियान और स्वदेशी अपनाने की बात भी की गई है। इसका उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और देश की तरक्की में योगदान देना चाहिए। यह संदेश खासतौर पर पीएम मोदी के 'स्वच्छ भारत मिशन' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है।
नतीजा और भविष्य की संभावना
गुजरात के इस शादी के कार्ड का वायरल होना यह दर्शाता है कि आजकल राजनीति और समाज एक-दूसरे से गहरे रूप से जुड़े हुए हैं। खासतौर पर सोशल मीडिया के जरिए यह संदेश बहुत तेजी से फैलता है, जो समाज को प्रभावित करता है। यह भी दिखाता है कि राजनीति अब हर पहलू में अपने असर को छोड़ रही है, चाहे वह चुनाव हो, धर्म, शिक्षा या अब शादी के कार्ड भी। इस पूरे मामले पर अब यह देखना होगा कि यह कार्ड राजनीतिक जगत में और अधिक हलचल मचाता है या फिर इसे एक व्यक्तिगत पहल के रूप में देखा जाएगा। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में और अधिक प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं, जो भारतीय राजनीति की दिशा को और स्पष्ट करेंगी।