Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Nov, 2024 07:46 AM
देश में मंगलवार को शादी-ब्याह के सीजन के बावजूद 13 दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। 24 कैरेट सोने का भाव ₹75,000 प्रति 10 ग्राम से नीचे आ गया है, जिससे यह ₹4,681 प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ है। इसी तरह, चांदी का दाम भी ₹90,000...
मुंबई: देश में मंगलवार को शादी-ब्याह के सीजन के बावजूद 13 दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। 24 कैरेट सोने का भाव ₹75,000 प्रति 10 ग्राम से नीचे आ गया है, जिससे यह ₹4,681 प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ है। इसी तरह, चांदी का दाम भी ₹90,000 प्रति किलो के स्तर से नीचे आ गया है। वर्तमान में सोने की कीमत में आई इस गिरावट के पीछे मुनाफावसूली और डॉलर की मजबूती जैसे प्रमुख कारण हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गिरावट अल्पकालिक हो सकती है, और अगले साल तक कीमतें फिर से बढ़ने की उम्मीद है।
24 कैरेट सोना 2.52% (₹1,940) की गिरावट के साथ ₹74,900 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। यह इस साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले 23 जुलाई को सरकार द्वारा इम्पोर्ट ड्यूटी 15% से घटाकर 6% करने पर 24 कैरेट सोना ₹3,616 प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ था। वहीं, 22 कैरेट सोने की कीमत ₹1,777 (2.52%) घटकर ₹68,608 प्रति 10 ग्राम रही।
आईबीजेए के आंकड़ों के अनुसार, चांदी का भाव भी ₹2,607 (2.87%) की गिरावट के साथ ₹88,252 प्रति किलो पर आ गया है। यह 23 अक्टूबर के ₹98,862 के उच्चतम स्तर से 10.73% (₹10,610) की गिरावट को दर्शाता है।
आर्थिक विशेषज्ञों का विश्लेषण
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार, "सोने में बड़ी रैली के बाद यह गिरावट अपेक्षित थी। हालांकि, कीमत ₹74,000 प्रति 10 ग्राम से कम होने की संभावना नहीं है। यूएस और यूके द्वारा ब्याज दरों में कटौती के चलते गोल्ड ईटीएफ की मांग बढ़ सकती है। इसलिए अगले साल 30 जून तक सोना ₹85,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।"
गोल्ड बॉन्ड रिडेम्पशन और ब्याज
रिजर्व बैंक ने 2016-17 में जारी किए गए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की रिडेम्पशन कीमत ₹7,788 प्रति यूनिट तय की है। यह बॉन्ड 17 नवंबर 2016 को जारी हुआ था और 16 नवंबर 2024 को रिडेम्पशन के लिए पात्र होगा। निवेशकों को इस पर 2.5% वार्षिक ब्याज भी मिलता है।
कीमतों में गिरावट के प्रमुख कारण
मुनाफावसूली: तीन महीने की तेजी के बाद निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली के कारण सोने और चांदी की मांग में कमी आई है।
डॉलर की मजबूती: अमेरिकी चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद से डॉलर इंडेक्स 2.36% चढ़ा है, जिससे सोने की मांग घटी है।
बॉन्ड की बढ़ी कीमतें: अमेरिकी बॉन्ड की कीमतें बढ़ने से भी निवेशकों का झुकाव गोल्ड से हटकर बॉन्ड में हुआ है।
हालांकि मिडिल ईस्ट, रूस-यूक्रेन, और इजराइल-ईरान के बढ़ते तनाव के कारण सोने की कीमतों में वृद्धि देखी गई थी, लेकिन फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता के चलते कीमतों में कोई बड़ा उछाल नहीं दिख रहा है।
आने वाले दिनों में संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान गिरावट अल्पकालिक है और अगले वर्ष सोना ₹85,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।