Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Mar, 2025 11:21 AM

सोचिए, आप किसी वीकेंड पर रिलैक्स करने का प्लान बना रहे है और आपके सामने दो ऑप्शन हैं – गोवा या दुबई। अब ज़रा चौंकने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि दुबई की ट्रिप अब गोवा से सस्ती पड़ रही है! यह कोई मज़ाक नहीं, बल्कि एंजेल इन्वेस्टर उज्जवल सुतारिया का...
नेशनल डेस्क: सोचिए, आप किसी वीकेंड पर रिलैक्स करने का प्लान बना रहे है और आपके सामने दो ऑप्शन हैं – गोवा या दुबई। अब ज़रा चौंकने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि दुबई की ट्रिप अब गोवा से सस्ती पड़ रही है! यह कोई मज़ाक नहीं, बल्कि एंजेल इन्वेस्टर उज्जवल सुतारिया का कहना है कि भारत में ट्रैवल अब इतना महंगा हो गया है कि लोग विदेश घूमने को बेहतर विकल्प मान रहे हैं। क्या भारत अपने ही टूरिज्म बूम को खत्म कर रहा है?
आइए जानते हैं कि रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों से लेकर होटल-रेस्टोरेंट्स के महंगे टैरिफ तक, कैसे भारत का ट्रैवल सेक्टर आम लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है।
एंजेल इन्वेस्टर उज्जवल सुतारिया ने एक अहम सवाल उठाया है – "क्या भारत अपने ही पर्यटन उद्योग को महंगा बनाकर खुद को बाहर कर रहा है?" उनका कहना है कि अब दुबई या जॉर्जिया की यात्रा गोवा, मनाली या मुंबई जाने से सस्ती पड़ रही है। जो कभी एक आम आदमी के लिए किफायती यात्रा विकल्प (affordable travel options) था, वह अब सिर्फ उन लोगों के लिए रह गया है जो ऊंची कीमत चुकाने को तैयार हैं। लेकिन इसकी वजह सिर्फ ₹400 वाली एयरपोर्ट चाय या महंगे होटल किराए नहीं हैं।
रियल एस्टेट की मार से महंगा हुआ टूरिज्म
सुतारिया के अनुसार, बढ़ती रियल एस्टेट कीमतें भारत के पर्यटन सेक्टर को प्रभावित कर रही हैं। पिछले एक दशक में संपत्ति की कीमतें आसमान छू गई हैं, जिससे होटल और रेस्टोरेंट्स को अपना निवेश निकालने के लिए दरें बढ़ानी पड़ रही हैं।
Hotel : जमीन और प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों के कारण होटल मालिक अपने खर्च की भरपाई के लिए रेट बढ़ा रहे हैं।
Restaurants: ऊंचे किराए के कारण खाने-पीने की चीजें महंगी हो गई हैं।
Retail Shopkeeper: टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर दुकान किराया बढ़ने से स्थानीय बाजार भी महंगा होता जा रहा है।
सुतारिया ने कुछ चौंकाने वाले आंकड़े भी दिए हैं जैसे कि:
- पर्यटन केंद्रों में प्रॉपर्टी की कीमतें गैर-पर्यटक इलाकों से 150% ज्यादा हो गई हैं।
-अयोध्या में जमीन के दाम कुछ ही सालों में 10 गुना बढ़ चुके हैं।
- बेंगलुरु और हैदराबाद में 2019 से अब तक 90% वृद्धि हुई है।
-भारत का रियल एस्टेट मार्केट 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
हालांकि, सुतारिया इसे सिर्फ संकट नहीं मानते, बल्कि स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए नए अवसर भी देखते हैं। उनका मानना है कि सस्ते ठहरने के विकल्प, ऑफबीट डेस्टिनेशन और बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधाएं इस स्थिति को बदल सकती हैं। उन्होंने आखिर में एक सवाल करते हुए लिखा- "क्या यह बदलाव भारतीय पर्यटन को बेहतर बनाएगा या इसे और महंगा कर देगा?"