Edited By Parminder Kaur,Updated: 06 Feb, 2025 01:05 PM
अमेरिका जाना बहुत से लोगों का सपना होता है, लेकिन यह सपना अक्सर पैसों की कमी की वजह से सिर्फ एक सपना ही रह जाता है और हकीकत नहीं बन पाता। कुछ लोग तो अपनी ज़मीन बेचकर अमेरिका पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो कुछ लोग कर्ज लेकर यह सपना पूरा करने की सोचते...
नेशनल डेस्क. अमेरिका जाना बहुत से लोगों का सपना होता है, लेकिन यह सपना अक्सर पैसों की कमी की वजह से सिर्फ एक सपना ही रह जाता है और हकीकत नहीं बन पाता। कुछ लोग तो अपनी ज़मीन बेचकर अमेरिका पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो कुछ लोग कर्ज लेकर यह सपना पूरा करने की सोचते हैं। हाल ही में कई निर्वासित लोगों ने हवाई अड्डे पर एक सरकारी अधिकारी को बताया कि उन्हें लगभग 10 दिन पहले अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर पकड़ा गया था। वहीं कुछ लोगों ने बताया कि वे ब्रिटेन से अमेरिका पहुंचे थे।
अमेरिकी सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान बुधवार दोपहर को 104 भारतीय निर्वासितों को लेकर पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इन लोगों के लिए यह एक सपना सच होने जैसा था, क्योंकि उन्होंने अमेरिका जाने के लिए अपनी पूरी ज़िंदगी दांव पर लगा दी थी। अमेरिका से कई भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है, जिनमें पंजाब, हरियाणा, गुजरात और अन्य राज्यों के लोग शामिल हैं।
पंजाब और हरियाणा से गए लोग
हवाई अड्डे पर सूत्रों ने जानकारी दी कि पंजाब और हरियाणा से आए निर्वासितों को सड़क के रास्ते उनके घर भेजा गया। वहीं गुजरात और अन्य राज्यों से आए लोग देर रात की उड़ान से वापस लौटे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांचकर्ताओं को यह पता लगाना होगा कि इन निर्वासितों को अमेरिका पहुंचने में किसने मदद की और उन्होंने इन अवैध एजेंट्स को कितने पैसे दिए।
गुजराती परिवार ने दिए 1 करोड़ रुपये
एक गुजराती परिवार ने दावा किया है कि उन्होंने अमेरिका पहुंचने के लिए 1 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसके अलावा एक अधिकारी ने बताया कि अमृतसर के एक सीमावर्ती गांव में एक युवक के चाचा ने कहा कि परिवार ने अपने भतीजे को विदेश भेजने के लिए डेढ़ एकड़ ज़मीन बेच दी और लगभग 42 लाख रुपये खर्च किए। उन्होंने बताया कि उनका भतीजा कुछ महीने पहले मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचा था।