Edited By Yaspal,Updated: 09 May, 2022 10:05 PM
विधि मंत्री किरेन रिजीजू ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार राजद्रोह के कानून पर हितधारकों के विचारों का उचित तरीके से संज्ञान लेगी और सुनिश्चित करेगी कि कानून पर पुनर्विचार करते समय देश की संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा...
नई दिल्लीः विधि मंत्री किरेन रिजीजू ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार राजद्रोह के कानून पर हितधारकों के विचारों का उचित तरीके से संज्ञान लेगी और सुनिश्चित करेगी कि कानून पर पुनर्विचार करते समय देश की संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी पुराने और औपनिवेशिक कानूनों को समाप्त करने का निर्देश दिया है और करीब 1,500 कानूनों को निष्प्रभावी कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘... सरकार पुनर्विचार करेगी और मौजूदा समय की जरूरत के हिसाब से प्रावधानों में बदलाव करेगी। क्योंकि अनेक तरह के विचार सामने आ रहे हैं।''
सरकार ने सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि राजद्रोह कानून की वैधता का अध्ययन करने में समय नहीं लगाए क्योंकि केंद्र ने एक सक्षम मंच पर प्रावधानों पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्रिया में नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों से परामर्श करना शामिल है।