Edited By Radhika,Updated: 27 Dec, 2024 07:54 PM
देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद 7 दिन के राष्ट्रीय शोक ऐलान किया गया है। इसके चलते भारत सरकार द्वारा आज के लिए निधार्रित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। कल राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
नेशनल डेस्क: देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद 7 दिन के राष्ट्रीय शोक ऐलान किया गया है। इसके चलते भारत सरकार द्वारा आज के लिए निधार्रित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। कल राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस खबर में जानते हैं कि राजकीय सम्मान क्या होता है और इसका ऐलान कौन करता है।
इस वजह से ऐलान होता है राजकीय शोक का ऐलान-
किसी भी बड़े नेता या कलाकार जिसने अपने जीवन में देश कोई महत्वपूर्ण काम किया हो,तो उनके निधन पर राजकीय शोक का ऐलान होता है। राष्ट्रपति द्वारा केंद्र सरकार की सलाह पर राजकीय शोक घोषित किया जाता था। अब इन नियमों में बदलाव किए जा चुके हैं। अब यह अधिकार राज्यों के पास भी है। कई बार केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग राजकीय शोक घोषित करती हैं।
छुट्टी को लेकर नियम-
जानकारी के लिए बता दें कि राजकीय शोक के ऐलान के बाद कोई भी सरकारी स्कूल या कार्यालय में छुट्टी नहीं होती। केंद्र सरकार के 1997 के नोटिफिकेशन में कहा गया कि राजकीय शोक के दौरान कोई सरकारी छुट्टी नहीं रहेगी। वहीं नियमों के अनुसार यदि कार्याकाल के दौरान किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की मौत होती है तो ऐसी स्थिति में सरकारी छुट्टी घोषित की जाएगी। हालांकि केंद्र या राज्य सरकार चाहें तो छुट्टी का ऐलान कर सकती है।
राजकीय शोक के दौरान इन कामों पर होता है प्रतिबंध-
राजकीय शोक को लेकर अक्सर लोगों के मन में ये सवाल आता है कि ये है क्या। आपको बता दें कि फ्लैग कोड ऑफ इंडिया रूल्स के अनुसार, राजकीय शोक के समय विधानसभा, सचिवालय समेत महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों में लगे राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है। इसके अलावा, इस अवधि में कोई भी औपचारिक या सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता है। आधिकारिक मनोरंजन पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहता है। इस समय केवल विशेष कार्यों को ही प्राथमिकता दी जाती है।
इतने दिनों के लिए लगाया जाता है शोक-
राजकीय शोक में दिन निर्धारित नहीं होते। सरकारें अपने हिसाब से राजकीय शोक का ऐलान करती हैं।