Edited By Utsav Singh,Updated: 18 Nov, 2024 09:06 PM
PM नरेंद्र मोदी 16 नवंबर से 21 नवंबर तक तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा में वह ब्राजील, गुयाना और नाइजीरिया का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा विशेष रूप से जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील की...
नेशनल डेस्क : PM नरेंद्र मोदी 16 नवंबर से 21 नवंबर तक तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा में वह ब्राजील, गुयाना और नाइजीरिया का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा विशेष रूप से जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील की यात्रा से जुड़ी हुई है। वहीं आज रियो डी जेनेरियो, ब्राजील में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से मुलाकात की।
इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन से कहा, "हमेशा खुशी होती है जब आपसे मिलते हैं।" इस सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच वैश्विक सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बीच आज हम यह जानेंगे की जी-20 शिखर सम्मेलन हैं क्या ?
G-20 (G20) क्या है?
G-20 (Group of Twenty) एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है, जिसमें दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के देश शामिल हैं। ये 20 देशों का समूह है, जो वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने और मिलकर समाधान निकालने के लिए काम करता है। जी-20 में विकसित और विकासशील देशों दोनों का प्रतिनिधित्व है, और इसका उद्देश्य वैश्विक विकास, व्यापार, वित्तीय स्थिरता, जलवायु परिवर्तन, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग करना है।
जी-20 के सदस्य देश कौन-कौन से हैं?
जी-20 के सदस्य देश इस प्रकार से हैं:
- अमेरिका
- ब्राजील
- चीन
- भारत
- इंडोनेशिया
- जापान
- जर्मनी
- मेक्सिको
- रूस
- सऊदी अरब
- दक्षिण अफ्रीका
- दक्षिण कोरिया
- टर्की
- यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन)
- फ्रांस
- इटली
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
- अर्जेंटीना
- यूक्रेन (2014 से सदस्य)
जी-20 का गठन और उद्देश्य
जी-20 का गठन 1999 में हुआ था, जब दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं ने वित्तीय संकटों और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बाद एक स्थिर वैश्विक आर्थिक व्यवस्था बनाने के लिए एक मंच की जरूरत महसूस की। इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर संवाद और सहयोग बढ़ाना है, जैसे कि वित्तीय संकट, व्यापार, निवेश, और जलवायु परिवर्तन।
जी-20 की प्रमुख बैठकें और सम्मेलन
जी-20 हर साल एक शिखर सम्मेलन (Summit) आयोजित करता है, जिसमें दुनिया के प्रमुख नेताओं की बैठक होती है। इसमें देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री शामिल होते हैं। ये सम्मेलन आमतौर पर हर साल अलग-अलग देशों में आयोजित होते हैं, और इसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
जी-20 के प्रमुख मुद्दे
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वैश्विक आर्थिक स्थिरता: जी-20 देशों का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है, ताकि हर देश को आर्थिक संकट से बचाया जा सके।
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विकासशील देशों की मदद: जी-20 देशों ने यह भी तय किया है कि वे विकासशील देशों की मदद करेंगे, ताकि उनका विकास हो सके और वैश्विक असमानता को कम किया जा सके।
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जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण: जी-20 देशों में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कदम उठाने के लिए भी चर्चा होती है। पर्यावरणीय संकटों से निपटने के लिए सख्त नीतियां बनाने पर जोर दिया जाता है।
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वैश्विक व्यापार: जी-20 देशों के बीच व्यापार नीति पर भी विचार-विमर्श होता है, ताकि दुनिया में व्यापारिक असंतुलन को ठीक किया जा सके।
भारत और जी-20
भारत जी-20 का सदस्य देश है और इसका प्रमुख योगदान वैश्विक अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करना है। भारत 2023 में जी-20 की अध्यक्षता कर रहा था, जिसमें उसने 'वसुधैव कुटुम्बकम' (दुनिया एक परिवार है) के सिद्धांत के आधार पर शिखर सम्मेलन आयोजित किया।
जी-20 के लाभ
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वैश्विक सहयोग: जी-20 देशों के बीच सहयोग बढ़ता है, जिससे देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलती है।
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विकासशील देशों की मदद: जी-20 मंच से विकासशील देशों को आर्थिक सहायता मिलती है और उनका विकास होता है।
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वैश्विक समस्याओं का समाधान: इस मंच से जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, और स्वास्थ्य जैसी वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजा जाता है।
जी-20 एक महत्वपूर्ण मंच है, जो दुनिया के बड़े देशों को एक साथ लाकर वैश्विक समस्याओं पर चर्चा करने का अवसर देता है। इसका उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर रखना, जलवायु परिवर्तन से निपटना और दुनिया में आर्थिक समानता को बढ़ावा देना है।