Edited By Pardeep,Updated: 15 Apr, 2025 08:18 PM
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसमें दोनों नेताओं को आरोपी बनाया गया है।
नेशनल डेस्कः नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसमें दोनों नेताओं को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में सैम पित्रोदा का भी नाम शामिल है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में 25 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई होगी।
यह पहली बार है जब कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ किसी मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है। यह चार्जशीट कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा से हरियाणा में एक रियल एस्टेट डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर जांच एजेंसी की ओर से पूछताछ के कुछ घंटों बाद दाखिल की गई।
नेशनल हेराल्ड मामला: एक विस्तृत पृष्ठभूमि
नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत पं. जवाहरलाल नेहरू ने 1937 में की थी। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के तहत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज़ जैसे समाचार पत्र प्रकाशित होते थे। 2008 में AJL पर 90 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चढ़ गया, जिसके बाद अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया गया और कंपनी ने प्रॉपर्टी बिजनेस में कदम रखा।
मामला कैसे उठा?
2012 में भाजपा नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। उनका आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) ने AJL की संपत्तियों और लाभ को गलत तरीके से हासिल किया। स्वामी का कहना था कि YIL ने सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान करके AJL पर 90.25 करोड़ रुपये का बकाया हासिल किया, जो कांग्रेस पार्टी का था।
ED की जांच और आरोपपत्र
2014 में केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद ED ने मामले की जांच शुरू की। 2015 में निचली अदालत ने सोनिया और राहुल गांधी को जमानत दी। 2018 में, केंद्र सरकार ने AJL को हेराल्ड हाउस परिसर से बेदखल करने का फैसला लिया, क्योंकि कंपनी अब कोई प्रिंटिंग या पब्लिकेशन गतिविधि नहीं कर रही थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में इस कार्रवाई पर रोक लगा दी।
हाल ही में, ED ने 2023 में दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित AJL की संपत्तियों को जब्त किया। एजेंसी ने कहा कि ये संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग के proceeds of crime को सुरक्षित करने और आरोपियों को इन्हें नष्ट करने से रोकने के लिए जब्त की गई हैं।
अगला कदम
राउज एवेन्यू कोर्ट में 25 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई होगी, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया है। कांग्रेस नेताओं ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध और डराने-धमकाने की कोशिश बताया है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने इसे "कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध" करार दिया है।