क्या है संजौली मस्जिद विवाद? हिंदू संगठन क्यों कर रहे इसे तोड़ने की मांग, जानिए पूरा मामला

Edited By Utsav Singh,Updated: 11 Sep, 2024 08:01 PM

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हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित संजौली मस्जिद के निर्माण को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद को गिराने की मांग की है, और इस मुद्दे पर व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शन के चलते इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई है। मस्जिदों...

हिमाचल प्रदेश : हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित संजौली मस्जिद के निर्माण को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद को गिराने की मांग की है, और इस मुद्दे पर व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। आइए जानते हैं इस विवाद की पूरी कहानी और अब तक की स्थिति।

क्या है पूरा मामला 
संजौली मस्जिद को लेकर हिंदू संगठनों का आरोप है कि इसका निर्माण अवैध रूप से किया गया है। वे चाहते हैं कि इस मस्जिद को जल्द से जल्द गिरा दिया जाए। विवाद की शुरुआत तब हुई जब शिमला के विक्रम सिंह नामक युवक को कुछ लोगों ने बुरी तरह से पीट दिया। विक्रम सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि मारपीट के बाद आरोपी मस्जिद में छिप गए थे।

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प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
विक्रम सिंह के मामले के बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि मस्जिद का निर्माण अवैध था और इसे गिराया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई और स्थिति तेजी से बिगड़ गई। हजारों लोग सड़क पर उतर आए और पुलिस बेरिकेडिंग तोड़ दी, जिसके बाद पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा।

सुरक्षा और धारा 163 का लागू होना
संजौली मस्जिद के विवाद के बाद स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए शिमला में धारा 163 लागू कर दी गई है। यह धारा इलाके में किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभा और भीड़ को प्रतिबंधित करती है। इसके साथ ही, पुलिस ने इलाके के हर कोने पर तैनाती बढ़ा दी है, खासकर मस्जिदों के आसपास, ताकि शांति व्यवस्था बनाए रखी जा सके और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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पुलिस की तैनाती
सुरक्षा की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती चप्पे-चप्पे पर की गई है। मस्जिदों के बाहर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पात को रोका जा सके। पुलिस की यह तैनाती इलाके में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा है।

असदुद्दीन ओवैसी का बयान
इस विवाद पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सरकार पर धार्मिक असहिष्णुता का आरोप लगाते हुए कहा कि इस विवाद ने धार्मिक सौहार्द को खतरे में डाल दिया है। ओवैसी ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और सरकार से इस पर संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने की अपील की है।

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आरोपियों की गिरफ्तारी
विक्रम सिंह के साथ मारपीट करने वाले सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपियों में दो नाबालिग और अन्य व्यक्ति शामिल हैं जिनके नाम हैं: गुलनवाज (32 साल), सारिक (20 साल), सैफ अली (23 साल), और रोहित (23 साल)। आपको बता दं कि संजौली मस्जिद के विवाद ने शिमला में काफी तनाव पैदा कर दिया है। हिंदू संगठनों द्वारा किए गए प्रदर्शनों और पुलिस की कार्रवाई ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। अब तक, इस विवाद ने न केवल धार्मिक संवेदनाओं को आहत किया है, बल्कि इलाके में कानून व्यवस्था की स्थिति को भी चुनौती दी है।

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