Edited By Mahima,Updated: 20 Nov, 2024 02:13 PM
रियो डी जेनेरियो में G20 समिट के दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सराहना करते हुए उन्हें "बहुत फेमस" कहा। यह उनके वैश्विक कूटनीतिक प्रभाव को दर्शाता है। इसके बाद, जयशंकर ने सुबियांतो से...
नेशनल डेस्क: ब्राजील के रियो डी जेनेरियो शहर में आयोजित G20 समिट के दौरान भारत और दुनिया के कई देशों के प्रमुख नेताओं की भागीदारी से शहर गुलजार रहा। समिट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे। इस समिट के बीच एक बेहद दिलचस्प और खास पल सामने आया, जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की और उन्हें लेकर एक अप्रत्याशित प्रतिक्रिया दी।
विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात: राष्ट्रपति प्रबोवो का अभिवादन
रियो डी जेनेरियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के बीच द्विपक्षीय बैठक चल रही थी, और इस बैठक में जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और अपना परिचय दिया, तो राष्ट्रपति सुबियांतो ने झट से कहा, “मैं आपको जानता हूं, आप बहुत फेमस हैं।” यह सुनकर विदेश मंत्री जयशंकर ने सिर झुका कर सम्मान व्यक्त किया, और प्रधानमंत्री मोदी भी इस दृश्य को देखकर मुस्कुरा उठे। यह छोटी सी बातचीत, विदेश मंत्री की वैश्विक स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाती है, जो उनकी कड़ी मेहनत, हाजिरजवाबी और भारत की विदेश नीति के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है। जयशंकर का वैश्विक कूटनीति में अहम स्थान बन चुका है, और यह टिप्पणी इस बात का प्रमाण है कि वे केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में पहचाने जाते हैं।
विदेश नीति के मामले में जयशंकर की प्रतिष्ठा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर को उनकी सटीक और प्रभावी विदेश नीति के लिए जाना जाता है। वह हमेशा अपने देश के राष्ट्रीय हितों को प्रमुख रखते हुए अपनी कूटनीति को आगे बढ़ाते हैं। उनकी कई विदेश नीति से संबंधित टिप्पणियां और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं। वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय दृष्टिकोण को स्पष्ट और मजबूती से प्रस्तुत करते हैं, जो उन्हें एक सम्मानित और प्रभावशाली राजनयिक के रूप में स्थापित करता है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा उनकी इस सराहना ने यह दिखा दिया कि विदेश मंत्री जयशंकर की विदेश नीति और उनकी कूटनीतिक छवि केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में भी अत्यधिक सम्मानित है।
द्विपक्षीय बैठक में चर्चा के प्रमुख मुद्दे
समिट से इतर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के बीच द्विपक्षीय बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार, वाणिज्य, स्वास्थ्य, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार किया। विशेष रूप से, व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में दोनों देशों ने आपसी सहयोग को और मजबूती देने की दिशा में कई कदम उठाने की योजना बनाई। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी। प्रबोवो सुबियांतो इंडोनेशिया के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले चुके हैं, और यह उनकी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अहम शुरुआत थी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सुबियांतो के बीच हुई इस बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग, व्यापारिक संबंध और आपसी सुरक्षा के मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण बातचीत हुई।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ जयशंकर की मुलाकात
रियो डी जेनेरियो में हुए G20 समिट से इतर, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह मुलाकात भारतीय-चीन सीमा विवाद के बाद हुई, और यह पहली बार था जब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई। इस मुलाकात में मुख्य रूप से भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की वापसी और स्थिति सामान्य करने के उपायों पर चर्चा की गई। जयशंकर और वांग यी ने दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को शांति और संवाद के माध्यम से सुलझाने के प्रयासों को आगे बढ़ाने पर विचार किया। इसके साथ ही, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया। यह मुलाकात इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के बाद पहली बार दोनों देशों के शीर्ष कूटनीतिज्ञों के बीच ऐसी बातचीत हुई थी।
एस. जयशंकर की वैश्विक कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यह यात्रा और उनके वैश्विक नेताओं के साथ हुई महत्वपूर्ण मुलाकातें यह सिद्ध करती हैं कि भारत की कूटनीति ने दुनिया भर में एक सशक्त और प्रभावशाली पहचान बनाई है। जयशंकर की नेतृत्व में भारत ने न केवल अपने पारंपरिक साझेदारों के साथ बल्कि नए वैश्विक खिलाड़ियों के साथ भी रिश्तों को मजबूत किया है। उनकी कूटनीतिक नीतियां, स्पष्ट दृष्टिकोण और प्रभावी संवाद ने उन्हें न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में एक सम्मानित कूटनीतिज्ञ बना दिया है। जयशंकर की कूटनीति में भारत की सशक्त स्थिति और आत्मविश्वास का प्रदर्शन है। उन्होंने न केवल भारतीय राष्ट्रीय हितों की रक्षा की है, बल्कि वैश्विक मंचों पर भारत की आवाज को मजबूती से उठाया है।
रियो डी जेनेरियो में आयोजित G20 समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सक्रियता ने यह साबित कर दिया कि भारत की कूटनीतिक शक्ति दुनिया भर में बढ़ रही है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो द्वारा जयशंकर की सराहना यह दर्शाती है कि भारत के विदेश मंत्री को वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसके अलावा, चीन के विदेश मंत्री वांग यी से हुई मुलाकात भी यह दिखाती है कि भारत-चीन रिश्तों को सुधारने के लिए संवाद और बातचीत जारी है। यह समिट और विदेश मंत्री जयशंकर की मुलाकातें भारत की वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई हैं।