Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 06 Apr, 2025 02:07 PM
केरल के कोच्चि शहर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान और गुस्से में डाल दिया है। एक निजी मार्केटिंग कंपनी में कर्मचारियों को टारगेट पूरा न करने पर जो सजा दी गई, वो किसी सजा से कम नहीं बल्कि एक अमानवीय अत्याचार है।
नेशनल डेस्क: केरल के कोच्चि शहर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान और गुस्से में डाल दिया है। एक निजी मार्केटिंग कंपनी में कर्मचारियों को टारगेट पूरा न करने पर जो सजा दी गई, वो किसी सजा से कम नहीं बल्कि एक अमानवीय अत्याचार है। वीडियो में एक कर्मचारी को गले में पट्टा बांधकर फर्श पर घुटनों के बल चलते हुए देखा गया। कुछ कर्मचारियों को कपड़े उतारने और सिक्के चाटने जैसे अपमानजनक काम करने के लिए मजबूर किया गया और फिर उन्हें बोलकर और भी नीचा दिखाया गया। यह दृश्य किसी कंपनी के ट्रेनिंग रूम का नहीं बल्कि किसी सजा-गृह जैसा लग रहा था।
वायरल वीडियो ने खोली पोल
इस घटना का वीडियो चार महीने पुराना बताया जा रहा है लेकिन अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जैसे ही यह क्लिप सामने आई, सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर दौड़ गई। लोग इस अमानवीय व्यवहार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और कंपनी पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
श्रम मंत्री ने मांगी रिपोर्ट
केरल के श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी ने इस मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केरल में श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाता है और किसी भी तरह के श्रमिक उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्रम मंत्री ने आश्वासन दिया है कि रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस जांच में उलझा मामला
पुलिस की शुरुआती जांच में यह सामने आया कि वीडियो को कंपनी के एक पूर्व प्रबंधक ने बनाया था। उस व्यक्ति का कंपनी के मालिक से कोई पुराना विवाद था। पूर्व प्रबंधक का कहना है कि यह वीडियो ट्रेनिंग का हिस्सा था जिसे उसने नए ट्रेनीज़ के साथ शूट किया। अब वह इस वीडियो का इस्तेमाल कंपनी को बदनाम करने के लिए कर रहा है। हालांकि, वीडियो में दिख रहे एक कर्मचारी ने भी बयान दिया कि यह सब पूर्व प्रबंधक की साजिश थी। उसने बताया कि वह प्रबंधक अब कंपनी में नहीं है और उसे निकाल दिया गया था।
कर्मचारी बोले – “यह आम बात थी”
जहां पुलिस इसे साजिश मान रही है वहीं कुछ कर्मचारियों ने स्थानीय टीवी चैनल को दिए बयान में कहा कि ऐसी सजा कंपनी में आम बात थी। इन कर्मचारियों ने बताया कि सेल्स टारगेट पूरा न करने पर डर और धमकियों के जरिए कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। ये दावा यह भी करता है कि कर्मचारियों को साइलेंस एग्रीमेंट पर साइन करने को मजबूर किया जाता था ताकि कोई बाहर शिकायत न कर सके।
कहां हुआ था यह सब?
पुलिस के मुताबिक यह घटना कोच्चि के कलूर स्थित एक निजी मार्केटिंग फर्म से जुड़ी है लेकिन वीडियो में जो कृत्य दिखा वो पास के पेरुंबवूर इलाके में हुआ था। राज्य के श्रम विभाग ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए और मौके की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
वीडियो सामने आते ही लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी आलोचना की। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #JusticeForEmployees ट्रेंड करने लगा। लोगों ने इसे श्रमिक अधिकारों का घोर उल्लंघन बताया और फर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। "यह सिर्फ एक कंपनी की बात नहीं, यह पूरे कॉरपोरेट सिस्टम के उस चेहरे को दिखाता है जो दिखता नहीं है," एक यूज़र ने ट्वीट किया।