Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Mar, 2025 03:41 PM

शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में अधिकांश निवेशक मानते हैं कि बाजार की गिरावट पर ही निवेश करना सबसे अच्छा होता है। वे यह सोचते हैं कि गिरते बाजार में सस्ते दामों पर निवेश करने से अधिक फायदा होगा।
नेशलन डेस्क: शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में अधिकांश निवेशक मानते हैं कि बाजार की गिरावट पर ही निवेश करना सबसे अच्छा होता है। वे यह सोचते हैं कि गिरते बाजार में सस्ते दामों पर निवेश करने से अधिक फायदा होगा। लेकिन एक नई रिपोर्ट ने इस सामान्य सोच को चुनौती दी है। रिपोर्ट कहती है कि जो निवेशक बाजार के उच्चतम स्तरों पर एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) शुरू करते हैं, वे उन निवेशकों से कहीं ज्यादा पैसा बनाते हैं जो गिरावट का इंतजार करते हैं।
वैल्यूमेट्रिक्स की रिपोर्ट
वैल्यूमेट्रिक्स नामक एक संस्था ने निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स के पिछले 20 वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। रिपोर्ट में यह देखा गया कि बाजार के 15 प्रतिशत से अधिक गिरने के बाद निवेश करने वाले निवेशकों की तुलना में, जो उच्चतम स्तर पर एसआईपी शुरू करते हैं, वे अधिक धन बनाते हैं।
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उच्च स्तर पर निवेश क्यों होता है लाभकारी?
रिपोर्ट के अनुसार उन निवेशकों ने अधिक धन कमाया जिन्होंने उच्च स्तर पर निवेश करना शुरू किया था। उदाहरण के तौर पर, जनवरी 2008 में, जब बाजार में 76 प्रतिशत की गिरावट आ गई थी, एक निवेशक ने 10,000 रुपये की मासिक एसआईपी शुरू की। मार्च 2025 तक, उन्होंने कुल 91.5 लाख रुपये की वेल्थ जमा की, जबकि इस दौरान उन्हें 15.6 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न मिला। वहीं, वही निवेशक जिसने बाजार में गिरावट के बाद, यानी मार्च 2009 में निवेश करना शुरू किया था, वह 78.3 लाख रुपये की वेल्थ तक पहुंच पाया, हालांकि उसके रिटर्न में थोड़ी वृद्धि यानी 15.9 प्रतिशत थी।
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सही समय का इंतजार क्यों नहीं करना चाहिए?
वैल्यूमेट्रिक्स की रिपोर्ट का यह निष्कर्ष है कि सही समय का इंतजार करने से कई अवसर हाथ से निकल सकते हैं। जब बाजार गिरता है, तो कई निवेशक डर कर बाहर निकल जाते हैं, और यह सोचते हैं कि अब और गिरावट आएगी। इसके विपरीत, जो लोग बाजार के उच्चतम स्तर पर भी एसआईपी जारी रखते हैं, उन्हें समय के साथ शानदार रिटर्न मिलता है।
एसआईपी एक सुरक्षित और नियमित निवेश तरीका है, जो निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने में मदद करता है। खासतौर पर, जब बाजार गिरता है, तब एसआईपी के द्वारा आप कम दामों पर ज्यादा यूनिट्स खरीद सकते हैं, जिससे बाद में रिटर्न ज्यादा होता है। और जब बाजार बढ़ता है, तो आपका निवेश भी बढ़ता है।
म्यूचुअल फंड के आंकड़े
हालांकि, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण म्यूचुअल फंड्स में भी गिरावट देखने को मिली है। 2025 के फरवरी महीने में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड्स में ₹25,999 करोड़ का निवेश हुआ, जो जनवरी 2025 के ₹26,400 करोड़ से कम है। यह गिरावट म्यूचुअल फंड्स और इक्विटी फंड्स के निवेश में भी दिखी है।