Edited By Mahima,Updated: 20 Feb, 2025 03:34 PM
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सोने का भंडार किसी देश की आर्थिक शक्ति और स्थिरता का प्रतीक है। 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 8,133 टन सोना है, जबकि भारत का भंडार 840.76 टन है। सोने का भंडार वैश्विक अनिश्चितताओं के समय देशों को सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता...
नेशनल डेस्क: सोने का भंडार किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता, सुरक्षा और वैश्विक शक्ति को प्रकट करता है। यह न केवल एक कीमती धातु है, बल्कि किसी देश के वित्तीय संकट से निपटने के लिए भी यह महत्वपूर्ण उपकरण साबित होता है। सोने का इतिहास भी काफी दिलचस्प और महत्वपूर्ण रहा है, खासकर जब कई देशों ने अपनी मुद्रा को सोने से जोड़ा था, जिसे गोल्ड स्टैंडर्ड कहा जाता था। आज के दौर में, भले ही सोने का प्रत्यक्ष उपयोग मुद्रा के रूप में समाप्त हो चुका हो, लेकिन यह अब भी आर्थिक स्थिरता और वैश्विक साख के लिए आवश्यक है।
1970 के दशक में गोल्ड स्टैंडर्ड का अंत
सोने का भंडार हमेशा से किसी देश की मुद्रा और उसकी वित्तीय ताकत का आधार रहा है। 19वीं और 20वीं सदी में गोल्ड स्टैंडर्ड के तहत, देशों ने अपनी मुद्राओं को सोने के मूल्य से जोड़ा था, जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रहती थी। इसका मतलब था कि किसी भी मुद्रा को सोने में बदला जा सकता था। हालांकि, 1970 के दशक में गोल्ड स्टैंडर्ड का अंत हो गया, लेकिन सोने का महत्व अब भी वित्तीय संकट और वैश्विक अनिश्चितताओं के समय बहुत अधिक बना हुआ है। आजकल, जब किसी देश की अर्थव्यवस्था संकट में होती है, तो सोने का भंडार उसकी वित्तीय ताकत को मजबूत करता है। यह अन्य देशों के साथ व्यापार और कर्ज लेन-देन को सुरक्षित रखने में मदद करता है। यह आर्थिक संकटों के दौरान सुरक्षा का प्रमुख स्तंभ बनकर उभरता है।
सोने के भंडार वाले शीर्ष 20 देश
सोने का भंडार किसी देश की शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। 2024 की दूसरी तिमाही की वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, यहां वह देशों की सूची दी गई है जिनके पास सबसे ज्यादा सोने का भंडार है:
1. अमेरिका: 8,133.46 टन
अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा सोने का भंडार है। यह विश्व अर्थव्यवस्था में उसकी प्रमुख भूमिका को दर्शाता है।
2. जर्मनी: 3,351.53 टन
जर्मनी, यूरोप का सबसे बड़ा सोने का भंडार रखने वाला देश है।
3. इटली: 2,451.84 टन
इटली के पास भी विशाल सोने का भंडार है, जो उसकी आर्थिक स्थिरता का प्रतीक है।
4. फ्रांस: 2,436.97 टन
फ्रांस का सोना यूरोपीय देशों के बीच एक बड़ी आर्थिक शक्ति का संकेत है।
5. रूस: 2,335.85 टन
रूस ने पिछले कुछ वर्षों में अपने सोने के भंडार में वृद्धि की है।
6. चीन: 2,264.32 टन
चीन के पास भी बड़ा सोने का भंडार है, जो उसकी वैश्विक आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।
7. जापान: 845.97 टन
जापान का सोने का भंडार काफी महत्वपूर्ण है, जो उसकी वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
8. भारत: 840.76 टन
भारत का सोने का भंडार विश्व में आठवें स्थान पर है और यह देश की आर्थिक शक्ति का प्रतीक है।
9. नीदरलैंड: 612.45 टन
नीदरलैंड्स का भंडार यूरोप में महत्वपूर्ण है और वह इसे अपनी वित्तीय सुरक्षा के लिए बनाए रखता है।
10. तुर्की: 584.93 टन
तुर्की का सोने का भंडार बढ़ते हुए वैश्विक संकटों के बीच उसकी आर्थिक मजबूती का संकेत है।
11. पुर्तगाल: 382.66 टन
पुर्तगाल ने अपने सोने के भंडार को रणनीतिक रूप से बढ़ाया है।
12. पोलैंड: 377.37 टन
पोलैंड ने पिछले कुछ वर्षों में अपने सोने के भंडार में वृद्धि की है।
13. उज्बेकिस्तान: 365.15 टन
उज्बेकिस्तान का सोने का भंडार मध्य एशिया में महत्वपूर्ण है।
14. यूके: 310.29 टन
यूनाइटेड किंगडम के पास भी एक बड़ा सोने का भंडार है, जो उसकी वैश्विक वित्तीय साख को दर्शाता है।
15. कजाकिस्तान: 298.8 टन
कजाकिस्तान का सोना भी वैश्विक संकट के दौरान उसकी वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
16. स्पेन: 281.58 टन
स्पेन का सोने का भंडार उसकी आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है।
17. ऑस्ट्रिया: 279.99 टन
ऑस्ट्रिया ने भी अपने सोने के भंडार को बढ़ाया है, जिससे उसे वैश्विक संकटों से मुकाबला करने में मदद मिलती है।
18. थाइलैंड: 234.52 टन
थाइलैंड का सोने का भंडार दक्षिण-पूर्व एशिया में महत्वपूर्ण है।
19. सिंगापुर: 228.86 टन
सिंगापुर का सोने का भंडार उसकी वित्तीय ताकत को दर्शाता है।
20. बेल्जियम: 227.4 टन
बेल्जियम का सोने का भंडार भी उसकी वैश्विक वित्तीय स्थिति का प्रतीक है।
दुनिया में सोने का कुल भंडार
अब तक, दुनिया भर में लगभग 244,000 मीट्रिक टन सोना खोजा गया है। इसमें से 187,000 मीट्रिक टन सोने का उत्पादन हो चुका है, जबकि 57,000 मीट्रिक टन सोना अभी भी भूमिगत भंडार में मौजूद है। सोने के सबसे बड़े उत्पादक देशों में चीन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका का नाम प्रमुख है।
सोने के भंडारण के कारण
1. आर्थिक स्थिरता: सोना एक स्थिर भंडार के रूप में कार्य करता है, जो किसी भी देश को आर्थिक संकट से बचाता है।
2. मुद्रा का समर्थन: सोना ऐतिहासिक रूप से किसी देश की मुद्रा की ताकत और स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता था।
3. विश्वसनीयता: वैश्विक अनिश्चितताओं के दौरान, सोने के भंडार का होना देशों के बीच वित्तीय लेन-देन में विश्वास बनाए रखता है।
सोने का भंडार आज भी किसी देश की ताकत और वैश्विक स्थिति का प्रतीक बना हुआ है। चाहे वह आर्थिक संकट हो या वैश्विक अस्थिरता, सोना हमेशा एक महत्वपूर्ण भंडार के रूप में कार्य करता है। आज भी, सोने के भंडार को सुरक्षित रखना किसी भी देश के लिए आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता का महत्वपूर्ण पहलू है।