Edited By Utsav Singh,Updated: 10 Oct, 2024 01:32 PM
देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर को हुआ। इस खबर ने न केवल टाटा समूह, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ा दी है। हर वर्ग, युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सब इस दुखद समाचार से प्रभावित हैं। आपने शायद सोशल मीडिया पर रतन टाटा के साथ एक...
नेशनल डेस्क : रतन टाटा हाल ही में बीमार हुए थे और उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दुखद रूप से, 9 अक्टूबर 2024 की रात उनका निधन हो गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। रतन टाटा एक ऐसे उद्योगपति थे जिन्हें हर कोई जानता था, चाहे वह युवा हों या बुजुर्ग। रतन टाटा का नाम सुनते ही हर किसी के मन में एक सम्मान और स्नेह की भावना उत्पन्न होती है। उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा। उनके निधन से पूरा देश दुखी है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
शांतनु नायडू: रतन टाटा के करीबी साथी
आपने शायद सोशल मीडिया पर रतन टाटा के साथ एक लड़के का वीडियो या फोटो देखा होगा। वह लड़का शांतनु नायडू है, जो रतन टाटा के मैनेजर और पर्सनल असिस्टेंट हैं। शांतनु पिछले कुछ सालों से रतन टाटा के साथ काम कर रहे हैं और उनके ऑफिस में जनरल मैनेजर हैं। वे न केवल रतन टाटा के व्यवसाय को संभालते हैं, बल्कि उनके निवेश के मामले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यह भी पढ़ें- Ratan Tata News : रतन टाटा को मिले भारत रत्न... शिंदे सरकार ने पारित किया प्रस्ताव
शांतनु का करियर
शांतनु नायडू एक ऑटोमोबाइल डिजाइन इंजीनियर हैं और उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से MBA किया है। रतन टाटा ने ही उन्हें इस पढ़ाई के लिए मदद की थी। इसके बाद शांतनु को रतन टाटा के साथ काम करने का अवसर मिला। उनकी खुद की एक कंपनी है, जिसका नाम "गुडफेलो" है, जो बुजुर्गों को उनके अंतिम क्षणों में बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करती है। इसके अलावा, उनका एक NGO भी है, जिसका नाम "मोटोपॉज" है, जो कुत्तों के लिए रिफलेक्टर कॉलर बनाती है।
शांतनु का रतन टाटा के प्रति प्यार
रतन टाटा के निधन के बाद, शांतनु नायडू ने अपने दुख को व्यक्त करते हुए लिंक्डइन पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा, "इस दोस्ती ने मेरे अंदर एक खालीपन पैदा कर दिया है, जिसे मैं अपनी बाकी जिंदगी में भरने की कोशिश करूंगा। प्यार के लिए दुख की कीमत चुकानी पड़ती है। अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस।"
रतन टाटा का योगदान भारतीय उद्योग और समाज में अविस्मरणीय रहेगा। उनका जीवन और कार्य हमें प्रेरित करते रहेंगे, और उनके साथी तथा परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करना आवश्यक है।