Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 13 Apr, 2025 03:37 PM
26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को लेकर नई जानकारियों ने जांच एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इस बार चर्चा में है वो महिला, जिसे राणा के साथ भारत दौरे के वक्त देखा गया था।
नेशनल डेस्क: 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को लेकर नई जानकारियों ने जांच एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इस बार चर्चा में है वो महिला, जिसे राणा के साथ भारत दौरे के वक्त देखा गया था। आगरा और हापुड़ की गलियों में बुर्का पहने एक महिला उसकी परछाई बनी हुई थी। एनआईए अब इस मिस्ट्री गर्ल की पहचान करने में जुटी है। एनआईए के सूत्रों के अनुसार तहव्वुर राणा नवंबर 2008 में भारत आया था। मुंबई हमले से ठीक पहले का ये दौरा बेहद अहम है। उस दौरान वो दिल्ली, हापुड़ और आगरा समेत कई इलाकों में गया था। इसी दौरान उसके साथ एक बुर्का पहने महिला भी देखी गई। तहव्वुर ने उसे अपनी ‘हेगम’ यानी पत्नी बताया था, लेकिन जांच एजेंसियों को शक है कि वह कोई संदिग्ध महिला आतंकी हो सकती है।
रेकी के नाम पर घूमता रहा, लेकिन मिस्ट्री गर्ल का मकसद क्या था?
सूत्रों की मानें तो तहव्वुर राणा और वह महिला साथ में उन लोकेशनों की रेकी कर रहे थे, जो बाद में आतंकी हमलों का निशाना बन सकते थे। एनआईए अब उन सभी जगहों की पहचान कर रही है, जहां-जहां तहव्वुर राणा और वह महिला एक साथ देखे गए।
आर्मी ड्रेस का जुनून
एनआईए की पूछताछ में तहव्वुर राणा ने एक अजीब खुलासा किया है। उसे पाकिस्तानी फौज की वर्दी से इतना प्यार था कि वह अक्सर आर्मी की ड्रेस पहनकर सज्जिद मीर और मेजर इकबाल जैसे आतंकियों से मिलने जाता था। यही नहीं वह फौज छोड़ने के बाद भी आतंकवादी बैठकों में फौजी कपड़े पहनकर जाता था।
फैमिली बैकग्राउंड भी है खास
तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला है। उसके पिता स्कूल प्रिंसिपल थे। उसके दो भाई हैं— एक आर्मी में मनोचिकित्सक और दूसरा पत्रकार। राणा की मुलाकात आतंकी डेविड हेडली से कैडेट कॉलेज में हुई थी, जो बाद में दोनों की साजिशों की शुरुआत बनी। 1997 में वह कनाडा चला गया जहां इमिग्रेशन सर्विस और हलाल मीट का बिजनेस शुरू किया।
भारत में हुई थी खतरनाक प्लानिंग
पूछताछ में ये भी सामने आया है कि तहव्वुर राणा ने भारत में लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी जैसे आतंकी संगठनों की मदद से कई खतरनाक प्लान तैयार किए थे। वह इन योजनाओं को पाकिस्तानी आर्मी और ISI के साथ मिलकर आगे बढ़ा रहा था।