Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Mar, 2025 03:19 PM

अमरावती की पूर्व सांसद नवनीत राणा ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि औरंगाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को उखाड़कर फेंक दिया जाए। नवनीत ने कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी के नाम पर रखा गया है, तो अब...
नेशनल डेस्क: अमरावती की पूर्व सांसद नवनीत राणा ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि औरंगाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को उखाड़कर फेंक दिया जाए। नवनीत ने कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी के नाम पर रखा गया है, तो अब औरंगजेब की कब्र को हटाकर जिनको वह कब्र प्रिय हो, वह उसे अपने घर में सजा लें।
नवनीत राणा ने क्या कहा?
नवनीत राणा ने कहा, "कल एक विधायक ने औरंगजेब के बारे में यह बयान दिया कि औरंगजेब ने अच्छे से शासन किया और प्रशासन दिया था। मैं उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि इस महाराष्ट्र में सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज थे, और औरंगजेब ने हमारे संभाजी महाराज के साथ अत्याचार किए थे। हमने इतिहास पढ़ा है और जो नहीं पढ़ा, उन्हें थिएटर में जाकर 'छावा' फिल्म देखनी चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा, "औरंगजेब ने हमारे भगवान, संभाजी महाराज के साथ क्या किया था? महाराष्ट्र सरकार से मेरी विनती है कि जिस तरह औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी के नाम पर रखा गया है, वैसे ही औरंगजेब की कब्र को उखाड़कर फेंक दिया जाए।"
औरंगजेब क्रूर शासक नहीं थे- सपा
समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र में पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए और वह कोई क्रूर शासक नहीं थे। औरंगजेब ने एक पंडित की बेटी के साथ बदतमीजी करने वाले सिपहसालार को दो हाथियों के बीच बंधवाकर मरवा दिया था।"
अबू आजमी ने औरंगजेब को एक अच्छे प्रशासक के रूप में भी पेश किया। उन्होंने कहा, "अगर कोई और राजा होता, तो वही करता। औरंगजेब के शासन के दौरान भारत की जीडीपी 24% थी और भारत 'सोने की चिड़ीया' था। इसलिए, औरंगजेब उनके लिए गलत नहीं था।"