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बांगलादेश में पिता का ऐतिहासिक घर जलाने पर भावुक हुईं शेख हसीना, बोलीं-"अल्लाह ने मुझे जिंदा रखा तो जरूर कुछ बड़ा काम बाकी"

Edited By Tanuja,Updated: 06 Feb, 2025 03:15 PM

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बांगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बयान जारी kj कहा कि "एक संरचना को नष्ट किया जा सकता है, लेकिन इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता।" उनका यह भावुक बयान उस ...

International Desk:  बांगलादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Shiekh Hasina) ने एक बयान जारी kj कहा कि "एक संरचना को नष्ट किया जा सकता है, लेकिन इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता।" उनका यह भावुक बयान उस समय सामने आया जब ढाका में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता और बांगलादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) के आवास को आग के हवाले कर दिया। शेख हसीना ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की, क्योंकि यह घर बांगलादेश की स्वतंत्रता संघर्ष का प्रतीक था। शेख हसीना ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा, "क्या डर है एक घर से? क्या मैंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया? फिर इस अपमान का कारण क्या है?"

 

उन्होंने आगे कहा कि यह घर उनके और उनकी बहन के लिए शेष बची एकमात्र याद थी, और इस प्रकार से इसका नष्ट होना उन्हें व्यक्तिगत रूप से बहुत दुखी करता है। उनका यह बयान बांगलादेश के इतिहास और उनके पिता की स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने इस हमले के बारे में चेतावनी दी, "एक संरचना को नष्ट किया जा सकता है, लेकिन इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता।" शेख हसीना ने ऐतिहासिक संदर्भ में यह भी कहा कि इतिहास खुद को सुधारता है और समय के साथ बदला लेता है। उनका इशारा उस घटना की ओर था, जिसमें उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान ने बांगलादेश की स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था। यह घर बांगलादेश के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक था, और शेख हसीना ने इसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया था ताकि आने वाली पीढ़ियां इसे देख सकें और बांगलादेश की स्वतंत्रता संग्राम को समझ सकें।

 

बांगलादेश में हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया। यह घर ढाका के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है और बांगलादेश की स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। शेख मुजीबुर्रहमान ने यहीं से बांगलादेश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था और यहीं से उन्हें "बांगबन्धु" (बांगलादेश का मित्र) के रूप में सम्मानित किया गया था। शेख हसीना ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "इतिहास को मिटाने की कोशिशें कभी सफल नहीं हो सकतीं। ये प्रयास केवल असफल होंगे, क्योंकि बांगलादेश की स्वतंत्रता और हमारे पिता की धरोहर हमेशा जिंदा रहेगी।" शेख हसीना ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का भी जिक्र किया और कहा कि उनके ऊपर कई बार हत्या के प्रयास हो चुके हैं।

 

उन्होंने कहा, "अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों से जीवित रखा है, तो इसका मतलब है कि मेरे लिए कुछ काम बाकी है। अन्यथा, मैं कई बार मौत से कैसे बच सकती थी?" शेख हसीना का यह बयान उनकी साहसिकता और संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका जीवन अब सिर्फ बांगलादेश के इतिहास और समाज के लिए काम करने का है। शेख हसीना ने बांगलादेश के वर्तमान संकट के पीछे एक साजिश होने का आरोप लगाया और इसके मुख्य कर्ता के रूप में मुहम्मद यूनुस का नाम लिया। उन्होंने कहा कि यह साजिश बांगलादेश की राजनीति को अस्थिर करने के लिए रची गई है। उनका यह आरोप उस समय सामने आया जब बांगलादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसक प्रदर्शन बढ़ रहे थे।
  

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