Edited By Parminder Kaur,Updated: 29 Oct, 2024 02:54 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज द्वारा सोमवार को वडोदरा में भारत की पहली निजी सैन्य विमान निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया गया। यह कदम देश के रक्षा निर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस उद्घाटन के साथ रक्षा...
नेशनल डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज द्वारा सोमवार को वडोदरा में भारत की पहली निजी सैन्य विमान निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया गया। यह कदम देश के रक्षा निर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस उद्घाटन के साथ रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम उठाया गया है, जो केंद्र के 'मेक इन इंडिया' अभियान के साथ मेल खाता है। यह सुविधा मुख्य रूप से एयरबस C-295 विमान के असेंबली पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो भारतीय वायु सेना (IAF) की क्षमताओं को बढ़ाने के साथ-साथ स्वदेशी निर्माण को भी बढ़ावा देगी। यह सुविधा इस वर्ष नवंबर में संचालन शुरू करने की उम्मीद है और पहली स्वदेशी निर्मित C-295 विमान के 2026 सितंबर तक तैयार होने की संभावना है।
C-295 सौदे का महत्व
C-295 सौदे की कीमत लगभग 21,935 करोड़ रुपए (लगभग 2.5 बिलियन डॉलर) है, यह 56 विमानों की खरीद से संबंधित है, जो भारतीय वायु सेना (IAF) के पुराने Avro-748 बेड़े को बदलने के लिए है। यह अधिग्रहण कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
पूर्ण एयरोस्पेस इकोसिस्टम: C-295 निर्माण सुविधा का उद्देश्य भारत के भीतर एक पूर्ण एयरोस्पेस इकोसिस्टम का निर्माण करना है। इसमें विमान के उत्पादन, असेंबली, परीक्षण, गुणवत्ता, वितरण और रखरखाव का पूरा जीवनचक्र प्रबंधन शामिल है। इस एकीकृत दृष्टिकोण से भारत न केवल उन्नत सैन्य विमान का उत्पादन कर सकेगा, बल्कि उन्हें समय के साथ बनाए रख सकेगा और अपग्रेड भी कर सकेगा, जिससे भारतीय वायु सेना की ऑपरेशनल तत्परता और स्थिरता बढ़ेगी।
हवाई परिवहन क्षमताओं का आधुनिकीकरण: C-295 एक बहुपरकारी मध्यम टैक्टिकल परिवहन विमान है, जो विभिन्न मिशनों को पूरा करने में सक्षम है, जैसे कि सैनिकों का परिवहन, सामान की डिलीवरी, चिकित्सा निकासी और समुद्री गश्त। इसका क्षमता छोटे और असमपादित रनवे से उड़ान भरने की इसे विविध परिचालन वातावरण के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाता है।
स्वदेशी उत्पादन: इस सौदे के तहत 16 विमान स्पेन से 48 महीनों के भीतर उड़ान योग्य स्थिति में वितरित किए जाएंगे, जबकि शेष 40 विमानों का निर्माण भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा वडोदरा में नए संयंत्र में किया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि यह पहली बार है, जब एक पूरा सैन्य विमान भारत में एक निजी संस्था द्वारा निर्मित किया जाएगा। इस सौदे में 30% ऑफसेट आवश्यकता भी शामिल है, जो एयरबस को भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से खरीददारी के माध्यम से निवेश करने की बाध्यता प्रदान करती है। यह पहल न केवल स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देती है, बल्कि विदेशी कंपनियों को भारतीय व्यवसायों के साथ गहराई से जुड़ने के लिए भी प्रोत्साहित करती है।
स्थानीय उद्योग को बढ़ावा: इस परियोजना से अगले दशक में लगभग 15,000 उच्च-skilled नौकरियों और अतिरिक्त 10,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद है। इसमें 125 से अधिक घरेलू सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के साथ सहयोग भी शामिल होगा, जिससे भारत की एयरोस्पेस सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी।
'Make in India, Make for the World': C-295 सौदा 'मेक इन इंडिया' पहल का एक मुख्य स्तंभ है। यह सैन्य विमानों के स्थानीय उत्पादन को सक्षम बनाकर न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि नौकरी निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है।
तकनीकी हस्तांतरण और क्षेत्रीय रखरखाव केंद्र
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) को C-295 के विभिन्न घटकों के लिए महत्वपूर्ण निर्माण प्रौद्योगिकी प्रदान करेगा। इसमें स्वदेशी प्रणालियाँ शामिल हैं, जैसे रडार चेतावनी रिसीवर और मिसाइल अप्रोच चेतावनी प्रणाली, जिन्हें भारत की कंपनियों इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है।
क्षेत्रीय रखरखाव केंद्र: इस सौदे में भारत में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधाओं की स्थापना की योजनाएँ भी हैं, जिससे भारत न केवल अपने विमानों की सेवा कर सकेगा, बल्कि अन्य देशों के विमानों की सेवा भी कर सकेगा।
उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने इस सुविधा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सुविधा भारत की रक्षा क्षमताओं और आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में मदद करेगी, जिससे "मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड" के हमारे मिशन को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि इस निर्माण इकाई की स्थापना भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नई Era का प्रतीक है, जहां निजी भागीदारी नवाचार और दक्षता के लिए महत्वपूर्ण है। इस सुविधा में निर्मित विमान भविष्य में निर्यात भी किए जाएंग। साथ ही उन्होंने आशा जताई कि इस इकोसिस्टम से भारत भविष्य में नागरिक विमानों का निर्माण कर सकेगा।
उन्होंने आगे कहा- आज मैं केवल परिवहन विमानों के निर्माण से आगे देख रहा हूँ। पिछले दशक में देश के विमानन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि और परिवर्तन देखा गया है। हम भारत को विमानन और MRO क्षेत्र का केंद्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि यह इकोसिस्टम 'मेड इन इंडिया' नागरिक विमानों के लिए रास्ता खोलेगा।"
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि यह पहल भारत के व्यापक रणनीतिक लक्ष्यों के साथ मेल खाती है, जिससे स्वदेशी क्षमताओं के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। यह परियोजना न केवल भारतीय वायु सेना को मजबूत करेगी, बल्कि भारत को एयरोस्पेस निर्माण में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित करेगी।