नीट पेपर लीक मामले में छोटी मछलियों को पकड़कर, बड़े मगरमच्छों को क्यों छोड़ा जा रहा है : कांग्रेस

Edited By Parveen Kumar,Updated: 29 Jun, 2024 05:24 PM

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कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि सरकार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) में पेपर लीक मामले की जानकारी थी और सारे सबूत होने के बावजूद झूठ बोलकर न्यायालय को गुमराह किया गया तथा इस मामले के आरोपियों को बचाने का बराबर प्रयास किया जा रहा है।

नेशनल डेस्क : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि सरकार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) में पेपर लीक मामले की जानकारी थी और सारे सबूत होने के बावजूद झूठ बोलकर न्यायालय को गुमराह किया गया तथा इस मामले के आरोपियों को बचाने का बराबर प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गोधरा के पुलिस उपाधीक्षक ने सत्र न्यायालय में जो हलफनामा दाखिल किया है उसमें कहा गया है कि पेपरलीक हुआ है और इसके लिए पहले से सेटिंग की गई और उसके तहत छात्रों को गोधरा का एक खास परीक्षा केंद्र चुनने को कहा गया। परीक्षा होने के बाद स्कूल में उत्तर पुस्तिकाओं पर सही उत्तर लिखवाया गया लेकिन अब तक स्कूल के चेयरमैन को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा,'मेरे हाथ में डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस का हलफनामा है जो सेशन कोटर् गोधरा में फाइल किया गया है। इसमें बताया गया है कि महाराष्ट्र ओडिशा और बिहार समेत कई राज्यों से छात्र गोधरा परीक्षा देने आए क्योंकि वहां उनकी पहले से ही सेटिंग हो गई थी। उन छात्रों से एडवांस में पैसे और ब्लैंक चेक लिए गए। साथ ही, उन्हें कहा गया था कि परीक्षा का फार्म भरते समय सेंटर‘जय जलाराम स्कूल'गुजराती मीडियम का नाम लिखें।' कांग्रेस नेता ने कहा,'सेंटिंग ये थी कि जब छात्रों को एडमिशन मिल जाएगा तो ब्लैंक चेक में पैसे भरे जाएंगे। नीट पेपर लीक मामले का पहला आरोपी तुषार भट्ट जय जलाराम स्कूल में पढ़ाता है और नीट का डिप्टी सेंटर सुपरिटेंडेंट है।

दूसरा आरोपी पुरुषोत्तम महावीर प्रसाद नीट परीक्षा के लिए सिटी कोऑडिर्नेटर है और जय जलाराम स्कूल का प्रिंसिपल है। इनका काम परीक्षा खत्म होते ही पेपर को बक्से में सील करके तुरंत कोरियर करना था लेकिन इन्होंने परीक्षा खत्म होने के बाद बक्से खोलकर पेपर में सही उत्तर टिक किए और फिर बक्सों को भेजा। इस मामले में तीन लोग और पकड़े गए हैं जिनमें परशुराम, विनोद आनंद, आरिफ वाहोरा थे। इनका काम छात्रों के परिवार से पैसे लेना था।' उन्होंने कहा, ' आरिफ वाहोरा भाजपा के अल्पसंख्यक विभाग का वाइस प्रेसिडेंट है। इसने पेपर लीक से जुड़ा अपना काम बड़ी ही सफाई से कर दिया था लेकिन जब कुछ लोगों ने कलेक्टर से धांधली की शिकायत की तब मामले की जांच हुई जिसमें पता चला कि जय जलाराम से जुड़े कई स्कूलों में नीट पेपर लीक की धांधली हुई है।'

प्रवक्ता ने सवाल किया, 'सरकार ने पेपर लीक मामले में सब जानते हुए भी सुप्रीम कोटर् में झूठ क्यों बोला। पुलिस जांच में सारे सबूत सामने आने के बाद भी शिक्षा मंत्री ने क्यों कहा कि कोई धांधली नहीं हुई है। प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका ट्विटर इस मामले में चुप क्यों है और जो स्कूल हर समय धांधली करते हैं उन्हें नीट का सेंटर क्यों दिया गया।' उन्होंने कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिए 'नीट पेपर लीक की जांच में सिफर् छोटी मछलियों को पकड़कर, बड़े मगरमच्छों को क्यों छोड़ा जा रहा है। जय जलाराम स्कूल के चेयरमैन को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया और इस स्कूल को कितने सेंटर दिए गए थे। जय जलाराम स्कूल ने भाजपा फंड में कितने पैसे दिए हैं।'

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