Edited By Mahima,Updated: 10 Feb, 2025 03:42 PM
![why are online tickets more expensive than counter tickets](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_15_41_586521070train-ll.jpg)
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में जवाब देते हुए बताया कि ऑनलाइन टिकट महंगे क्यों होते हैं। उनका कहना था कि IRCTC को सिस्टम मेंटेनेंस और अपग्रेडेशन के लिए खर्च करना पड़ता है, जिसके कारण यात्रियों से कन्वीनियंस फीस और GST लिया जाता है। ऑनलाइन...
नेशनल डेस्क: भारत में हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन यात्रा करते हैं और त्यौहारों, छुट्टियों, शादी-विवाह के सीजन में इस संख्या में और भी वृद्धि हो जाती है। पहले जब ट्रेन यात्रा करनी होती थी, तो यात्रियों को काउंटर पर जाकर टिकट बुक करना पड़ता था। लेकिन अब भारत में डिजिटल युग के कारण ऑनलाइन टिकट बुकिंग का चलन बढ़ चुका है। इस बदलाव के साथ कई नई सुविधाएं आई हैं, लेकिन एक सवाल हमेशा उठता है कि ऑनलाइन टिकट काउंटर टिकट से महंगे क्यों होते हैं?
ऑनलाइन टिकट बुकिंग के बढ़ते चलन के बीच महंगाई का कारण
अक्सर यात्री ऑनलाइन टिकट को काउंटर टिकट से महंगा पाते हैं और इसे लेकर सवाल उठाते हैं। हाल ही में, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने राज्यसभा में यह सवाल उठाया था कि ऑनलाइन टिकट काउंटर टिकट से क्यों महंगे होते हैं। इस सवाल का जवाब केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया। रेल मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान यात्रियों से जो अतिरिक्त पैसे लिए जाते हैं, उनका उद्देश्य IRCTC द्वारा ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम की मेंटेनेंस, अपग्रेडेशन और विस्तार के खर्च को पूरा करना होता है। उनका कहना था कि आईआरसीटीसी को अपने प्लेटफॉर्म को स्थिर, सुरक्षित और अप-टू-डेट बनाए रखने के लिए लगातार खर्च करना पड़ता है, जिसके कारण यात्रियों से कन्वीनियंस फीस और जीएसटी शुल्क लिया जाता है।
सिस्टम को लगातार अपडेट रखने के लिए लिए...
कन्वीनियंस फीस वह शुल्क है, जो यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए अतिरिक्त रूप से देना होता है। यह शुल्क सीधे IRCTC के खाते में जाता है और इसके जरिए प्लेटफॉर्म के रख-रखाव, अपग्रेडेशन और अन्य तकनीकी खर्चों को कवर किया जाता है। दूसरी ओर, GST (Goods and Services Tax) का शुल्क सरकार के खाते में जाता है। रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह दोनों शुल्क यात्रा की सुविधा को बेहतर बनाने और सिस्टम को लगातार अपडेट रखने के लिए लिए जाते हैं।
80 प्रतिशत यात्रियों का ऑनलाइन टिकट पर भरोसा
रेल मंत्री ने बताया कि डिजिटल इंडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण, आज के समय में देश भर में ट्रेन टिकटों में से 80 प्रतिशत टिकट ऑनलाइन बुक किए जाते हैं। IRCTC का प्लेटफॉर्म इतना लोकप्रिय हो गया है कि यात्रियों को अब काउंटर पर लंबी लाइनों में खड़ा होने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके बजाय, वे घर बैठे या मोबाइल पर एक क्लिक में अपनी टिकट बुक कर सकते हैं, जिससे उनका समय और पैसे दोनों की बचत होती है।
यात्रा का खर्च भी नहीं करना पड़ता
ऑनलाइन टिकट बुकिंग से यात्रियों को न सिर्फ समय की बचत होती है, बल्कि उन्हें काउंटर पर जाने के लिए यात्रा का खर्च भी नहीं करना पड़ता। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से टिकट बुक करने के दौरान, यात्रा के सभी विकल्प और तारीखें आसानी से देखी जा सकती हैं। साथ ही, यात्रियों को आसानी से रिफंड और कैन्सलेशन की सुविधा भी मिलती है। इस कारण से ऑनलाइन टिकट बुकिंग की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है। कुल मिलाकर, रेल मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि ऑनलाइन टिकट की महंगाई के पीछे IRCTC द्वारा किए गए खर्चे हैं, जो यात्रियों से कन्वीनियंस फीस और GST के रूप में लिए जाते हैं। हालांकि, ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा से यात्रियों को काउंटर पर लंबी कतारों में खड़े होने की परेशानी नहीं होती और इससे उनका समय, श्रम और खर्च तीनों बचते हैं। रेल यात्रा का डिजिटल तरीका यात्रियों के लिए बहुत सुविधाजनक और लाभकारी साबित हो रहा है, और यह भविष्य में और अधिक लोकप्रिय होगा।