भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है मालदीव ? राष्ट्रपति मुइज्जू का 4 दिवसीय भारत दौरा नई सहयोग की शुरुआत

Edited By Mahima,Updated: 08 Oct, 2024 01:54 PM

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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस सप्ताह भारत दौरे पर हैं, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय वार्ता की। भारत-मालदीव संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौते हुए, जिनमें 400 मिलियन डॉलर का मुद्रा विनिमय शामिल है। मालदीव की...

नेशनल डेस्क: भारत के पड़ोसी द्वीप देश मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस सप्ताह चार दिवसीय भारत दौरे पर हैं। उनके इस दौरे को लेकर भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है, खासकर इसलिए क्योंकि मुइज्जू भारत विरोधी रुख के साथ सत्ता में आए थे। हालाँकि, अब उनके रुख में धीरे-धीरे बदलाव देखा जा रहा है, जो दोनों देशों के संबंधों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

संस्कृति, भाषा, और व्यापार पर गहरा प्रभाव
मालदीव और भारत के बीच संबंध सदियों पुराने रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से, भारत ने मालदीव की संस्कृति, भाषा, और व्यापार पर गहरा प्रभाव डाला है। दोनों देश एक-दूसरे के लिए न केवल भौगोलिक दृष्टि से निकटता रखते हैं, बल्कि रणनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक दृष्टि से भी एक-दूसरे के महत्वपूर्ण साझेदार हैं।

नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच द्विपक्षीय वार्ता
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत-मालदीव के संबंधों को और मजबूती दी जाएगी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए, जिनमें से एक है 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय डील। इसके तहत, भारत मालदीव को मुद्रा की सहायता प्रदान करेगा, जो उनके विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने में मददगार साबित होगा। इसके अलावा, भारत ने 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयों का निर्माण किया है, जिन्हें अब मालदीव को सौंपा गया है। यह भारत का मालदीव के विकास में योगदान का एक स्पष्ट उदाहरण है।

मुइज्जू के सत्ता में आने से भारत को चिंता
मालदीव हिंद महासागर में स्थित है और इसकी भौगोलिक स्थिति इसे भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण बनाती है। हाल के वर्षों में, चीन ने अपने पड़ोसी देशों में आर्थिक और सामरिक प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। मुइज्जू के पहले, अब्दुल्ला यामीन जैसे भारत समर्थक राष्ट्रपति का शासन था, लेकिन मुइज्जू के सत्ता में आने से भारत को चिंता है कि मालदीव चीन की ओर झुक सकता है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन का प्रभाव: चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित रखने के लिए भारत को मालदीव का समर्थन आवश्यक है। रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ. अनिल कुमार लाल ने अपने एक ओपिनियन ब्लॉग में लिखा है कि मालदीव हिंद महासागर के क्षेत्रीय द्वीपों में बेहद महत्वपूर्ण है। श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहले से ही चीन का कब्जा है, जिससे भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं। अगर मालदीव भी चीन की शरण में चला जाता है, तो यह भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

समुद्री रास्तों का महत्व
मालदीव के आसपास के समुद्री रास्ते (Sea Lanes of Communication) वैश्विक व्यापार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारत का लगभग 50 प्रतिशत बाहरी व्यापार और 80 प्रतिशत ऊर्जा आयात इसी मार्ग से होकर गुजरता है। इसलिए, मालदीव के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना भारत के लिए आवश्यक है। भारत ने चीन की रणनीति का मुकाबला करने के लिए 'नेकलेस ऑफ डायमंड्स' की रणनीति बनाई है, जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र, खासकर भारतीय तटों के पास, पर प्रभुत्व सुनिश्चित करने के लिए कई पहल शामिल हैं। भारत ने अपने तटों के पास बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है और तटीय निगरानी रडार (सीएसआर) प्रणाली स्थापित कर रहा है। 

मालदीव की आर्थिक स्थिति
मालदीव की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर निर्भर करती है, लेकिन हाल के वर्षों में इसे आर्थिक मंदी, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, और भारी कर्ज का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में, मालदीव का कर्ज उसके जीडीपी का 110% है, जिससे यह स्थिति चिंताजनक बन गई है। यदि मालदीव अपने सुकुक पर भुगतान करने में विफल रहता है, तो यह दुनिया का पहला इस्लामिक बॉंड डिफॉल्ट हो सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए भारत ने पिछले महीने मालदीव को डिफॉल्ट से बचाने के लिए 5 करोड़ डॉलर की लाइफलाइन प्रदान की है। लेकिन निवेशकों और विश्लेषकों का मानना है कि यह मदद पर्याप्त नहीं है।

Importance of currency swap
भारत ने मालदीव के साथ currency swap का समझौता भी किया है, जो द्वीप देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मददगार साबित हो सकता है। यह समझौता मालदीव के लिए विदेशी मुद्रा संकट से निपटने में सहायक होगा और इससे मालदीव की वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी।

Dependence on tourism
मालदीव की अर्थव्यवस्था का एक और महत्वपूर्ण पहलू उसका पर्यटन उद्योग है। हर साल भारत से बड़ी संख्या में पर्यटक मालदीव जाते हैं। भारतीय पर्यटक न केवल वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रगाढ़ करते हैं। राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने भारत दौरे के दौरान भारतीय पर्यटकों से अपील की है कि वे मालदीव आएं और वहां की सुंदरता का अनुभव करें।

भारत और मालदीव के बीच के संबंध न केवल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी। राष्ट्रपति मुइज्जू के भारत दौरे के दौरान हुए समझौतों और सहमतियों से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं। इससे न केवल मालदीव को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि भारत को भी अपने रणनीतिक हितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। इस प्रकार, भारत के लिए मालदीव एक महत्वपूर्ण साथी है, और दोनों देशों के रिश्तों का विकास न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए आवश्यक है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।

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