रतन टाटा दुनिया के सबसे अमीर लोगों की रेस में मुकेश अंबानी और अडानी के साथ क्यों नहीं दिखते?

Edited By Pardeep,Updated: 10 Oct, 2024 02:23 AM

why is ratan tata not at the top of the rich list

टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े...

नेशनल डेस्कः टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे।  बता दें कि रतन टाटा देश के बड़े कारोबारी भी कहे जाते हैं। उनकी संपत्ति की बात करें तो अंबानी,अडानी के मुकाबले तो नहीं लेकिन अरबों के मालिक जरूरी है। आइए जानते हैं कि उनकी कुल संपत्ति के बारे में। 

कितनी संपत्ति के मालिक हैं रतन टाटा
टाटा ग्रुप के प्रमुख रतन टाटा की कुल संपत्ति की बात की जाए तो मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दो वर्ष पहले यानी 2022 में वह कुल 3800 करोड़ रुपए की नेट वर्थ के मालिक थे। IIFL Wealth Hurun Indian Rich List में उनकी जगह 421 वें स्थान पर थी। दरअसल बीते वर्ष जुलाई के महीने में भी एक जानकारी सामने आई थी। 31 जुलाई 2023 तक टाटा इंटरप्राइजेज पब्लिक लिस्टेड कंपनी है जिसका कुल टर्न ओवर 300 बिलियन डॉलर जिसे भारतीय रुपए में लिखें तो 24 ट्रिलियन का है। 

दान करने की वजह से कम है संपत्ति
बताया जाता है कि रतन टाटा अपनी आमदनी का ज्यादातर हिस्सा दान कर देते हैं. यही वजह है कि उनकी नेट वर्थ उनके कद औऱ कंपनी के कारोबार के मुकाबले काफी कम दिखाई देती है। 3800 करोड़ रुपए रतन टाटा के मुकाबले बहुत छोटी रकम मानी जाती है। कहा जाता है कि अगर वह अपनी कंपनियों में बराबर हिस्सेदारी रखते और इस तरह राशि दान नहीं करते तो शायद वह देश के सबसे अमीर व्यक्ति ही होते। 

रतन टाटा के बारे में रोचक तथ्य
रतन टाटा का जीवन काफी रोमांचक और चर्चित रहा है। उन्होंने अब तक शादी नहीं की है। रतन का जन्म 1937 में एक चर्चित पारसी परिवार में हुआ. उनके पिता नवल टाटा और मां सूनी टाटा थीं। अपने छोटी उम्र में ही उन्होंने परिवार के कारोबार का कार्यभार अपने कंधों पर संभाल लिया था और इसे नई ऊंचाईयां भी दीं। 

रतन टाटा ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने कॉर्नल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन किया। 1962 में टाटा ग्रुप जॉइन कर लिया था। 1991 में रतन टाटा ने Tata Group की होल्डिंग कंपनी Tata Sons के चेयरमैन का पद भी संभाल लिया। 

टाटा ग्रुप में किए बड़े बदलाव
चेयरमैन बनने के बाद रतन टाटा ने टाटा सन्स में कई बदलाव किए। उनकी लीडरशिप में कंपनी ने कारोबार की नई ऊंचाइयों को छुआ। नए बिजनेस में कंपनी ने अपनी क्षमता दिखाई और Jaguar, Land Rover के साथ-साथ Course Stell जैसी नामी गिरामी कंपनियों का अधिग्रहण भी किया। इसके बाद दुनिया में टाटा ग्रुप और रतन टाटा की अलग पहचान बन गई। 

कारोबारी से ज्यादा परोपकारी का तमगा
रतन टाटा जितने प्रखर कारोबारी साबित हुए उससे कहीं ज्यादा उनका नाम बतौर परोपकारी के रूप में मशहूर हुआ. रतन टाटा ने टाटा ट्रस्ट बनाया और इसके जरिए कई परोपकार के काम किए। अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा भी वह परोपकार पर ही खर्च करते हैं। दुनिया का सबसे बड़े NGO में उनकी ट्रस्ट हेल्थकेयर, एजुकेशन और रूरल डेवलपमेंट के लिए भी काम किया। 

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