Edited By Rohini,Updated: 07 Jan, 2025 11:38 AM
क्या आपने कभी "डिवोर्स मंथ" के बारे में सुना है? यह वह समय है जब सबसे ज्यादा रिश्ते टूटते हैं। यह खासतौर पर जनवरी महीने में होता है। नए साल के संकल्प और छुट्टियों के बाद के तनाव की वजह से कई लोग अपने रिश्तों को खत्म करने का फैसला करते हैं। आइए जानते...
नेशनल डेस्क। क्या आपने कभी "डिवोर्स मंथ" के बारे में सुना है? यह वह समय है जब सबसे ज्यादा रिश्ते टूटते हैं। यह खासतौर पर जनवरी महीने में होता है। नए साल के संकल्प और छुट्टियों के बाद के तनाव की वजह से कई लोग अपने रिश्तों को खत्म करने का फैसला करते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों जनवरी में तलाक के मामले सबसे ज्यादा बढ़ जाते हैं।
जनवरी में तलाक के मामलों में बढ़ोतरी क्यों?
जनवरी को "डिवोर्स मंथ" इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस महीने में सबसे ज्यादा तलाक के केस दर्ज होते हैं। छुट्टियों के दौरान लोग परिवार के साथ समय बिताते हैं और अपनी समस्याओं को नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं लेकिन जैसे ही नया साल शुरू होता है वे अपने रिश्तों का आकलन करते हैं और कई बार अलग होने का फैसला कर लेते हैं।
सूत्रों के मुताबिक जनवरी के पहले हफ्ते में तलाक के नए केस और वकीलों से संपर्क करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा होती है।
अध्ययन और आंकड़े क्या कहते हैं?
एक अध्ययन के अनुसार 2001 से 2015 के बीच वॉशिंगटन में जनवरी महीने में तलाक के केस दिसंबर की तुलना में काफी ज्यादा दर्ज हुए।
इसके अलावा रिचर्ड नेल्सन एलएलपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक:
: "DIY डिवोर्स" (खुद तलाक की प्रक्रिया) और "क्विकी डिवोर्स" (जल्दी तलाक) जैसे गूगल सर्च जनवरी में 100% तक बढ़ जाते हैं।
: तलाक के वकीलों से संपर्क करने वालों की संख्या में 30% तक का इजाफा होता है।
छुट्टियों का असर रिश्तों पर
क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियां रिश्तों पर बड़ा असर डालती हैं।
- रिश्तों में तनाव: छुट्टियों के दौरान रिश्तेदारों के साथ समय बिताना, महंगे तोहफे खरीदना और खास आयोजन करना लोगों पर भारी पड़ता है।
- कमजोर रिश्ते और बिगड़ते हालात: पहले से कमजोर रिश्तों के लिए यह समय और मुश्किल बन जाता है।
- नई शुरुआत का दबाव: नया साल आने के बाद लोग अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के बारे में सोचते हैं और अगर रिश्ते बोझ लगने लगें तो वे उन्हें खत्म करना चाहते हैं।
मनोवैज्ञानिक नजरिया
मनोचिकित्सक डॉ. कैरेन फिलिप के अनुसार नया साल शुरू होते ही लोग अपनी जिंदगी का आकलन करते हैं।
: वे सोचते हैं कि पिछले साल में क्या गलत हुआ।
: अगर किसी को लगता है कि उनका रिश्ता उनके लिए सही नहीं है तो वे उससे बाहर निकलने का फैसला कर लेते हैं।
: नए साल के लक्ष्य और संकल्प भी लोगों को यह कदम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं।
क्या यह समाज में चिंता का कारण है?
जनवरी में तलाक के बढ़ते मामलों से यह सवाल उठता है कि रिश्ते क्यों कमजोर हो रहे हैं।
- संचार की कमी: पार्टनर्स के बीच संवाद की कमी रिश्तों को कमजोर करती है।
- बाहरी दबाव: परिवार, पैसे और सामाजिक अपेक्षाओं का दबाव रिश्तों पर असर डालता है।
- स्वास्थ्य और मानसिक तनाव: छुट्टियों के दौरान अधिक काम और तनाव रिश्तों में दरार डाल सकता है।
क्या हमें इससे कुछ सीखने की जरूरत है?
जनवरी में तलाक के बढ़ते मामलों से यह समझने की जरूरत है कि:
: रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए समय और संवाद जरूरी है।
: बाहरी दबाव से बचने और पार्टनर के साथ समय बिताने से रिश्ते मजबूत हो सकते हैं।
: तनाव और भावनात्मक समस्याओं पर चर्चा करना जरूरी है।
अंत में कहा जा सकता है कि जनवरी को "डिवोर्स मंथ" कहना शायद सही हो सकता है लेकिन यह समाज और रिश्तों पर सोचने का समय भी है। नए साल की शुरुआत में सिर्फ अपने लक्ष्य तय करने के बजाय अपने रिश्तों को मजबूत बनाने पर भी ध्यान देना चाहिए।