Edited By Radhika,Updated: 29 Jan, 2025 01:08 PM
कड़कती ठंड के बीच मौसम ने एकदम से करवट ली है। जनवरी महीने में गर्मी का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दिल्ली का पारा 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। मंगलवार को राजधानी में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार को सुबह एक बार हल्की धुंध और...
नेशनल डेस्क: कड़कती ठंड के बीच मौसम ने एकदम से करवट ली है। जनवरी महीने में गर्मी का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दिल्ली का पारा 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। मंगलवार को राजधानी में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार को सुबह एक बार हल्की धुंध और हल्की नमी भरी हवाओं ने ठंडक का एहसास करवाया है।
IMD के अनुसार-
IMD के अनुसार, एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी हवाओं की वजह से सामान्य से ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है। IMD की वैज्ञानिक डॉ. सोमा सेन रॉय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के हटने के बाद 30 जनवरी से तापमान में थोड़ी कमी आ सकती है।
मौसम में बदलाव की वजह-
मौसम में बदलाव की वजह यह है कि बार-बार होने वाले पश्चिमी विक्षोभों ने उत्तरी हवा के प्रवाह को रोका, जो आमतौर पर ठंड लाती है। इसके बजाय, अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी हवाओं ने ठंड को दूर किया, जिससे रातें हल्की रही और शीत लहरें कम हो गईं। तापमान बढ़ने की एक और वजह एडियाबेटिक वार्मिंग सिस्टम है। यह तब होता है जब हवा दो अलग-अलग दिशा में बहती है – एक दिशा में (हिमालय के उत्तर में) और दूसरी दिशा में (हिमालय के दक्षिण में)। हवा जब ऊंचाई पर पहुंचती है, तो वह ठंडी होती है और बारिश या बर्फबारी होती है। लेकिन जब ठंडी और नमी से भरी हवा नीचे की ओर जाती है, तो वह अपनी नमी खो देती है और गर्म हो जाती है। इसके कारण, उत्तरी भारत, जो हिमालय के दक्षिण में है, वहां गर्म तापमान और शुष्क मौसम देखने को मिलता है।