Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Jun, 2024 02:45 PM
दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं मिली है। शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली सीएम को जमानत देने से मना कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल को फिलहाल जेल में ही रहना होगा।
नेशनल डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं मिली है। शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली सीएम को जमानत देने से मना कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल को फिलहाल जेल में ही रहना होगा।
न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि निचली अदालत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उसके समक्ष पेश की गई सामग्री का उचित आकलन करने में विफल रही और उसने आम आदमी पार्टी नेता की जमानत याचिका पर फैसला करते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि निचली अदालत को ईडी को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए था। पीठ ने कहा, ‘‘विवादित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाती है।''
20 जून को निचली अदालत ने दी थी जमानत
निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी और एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था। ईडी ने अगले दिन उच्च न्यायालय का रुख किया और दलील दी कि निचली अदालत का आदेश ‘‘त्रुटिपूर्ण, एकतरफा और गलत'' था तथा निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे।
क्या है शराब घोटाला मामला
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा शराब नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश के बाद 2022 में इसे रद्द कर दिया गया था।सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
ईडी ने लगाए आरोप
ईडी ने आरोप लगाया कि अपराध की आय का लगभग 45 करोड़ रुपए का हिस्सा गोवा में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान AAP द्वारा उपयोग किया गया था। एजेंसी ने कहा कि इस तरह से AAP ने केजरीवाल के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया। पार्टी ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है और आरोप लगाया है कि यह एक राजनीतिक साजिश थी।