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क्या राहत देगा RBI? जल्द होगा बड़ा फैसला, होम लोन की EMI हो सकती है कम!

Edited By Mahima,Updated: 06 Dec, 2024 10:01 AM

will rbi give relief a big decision will be taken soon

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में रेपो रेट में कटौती की उम्मीद है, जिससे होम लोन की EMI में कमी हो सकती है। देश की जीडीपी वृद्धि और महंगाई के आंकड़ों को देखते हुए यह फैसला लिया जा सकता है। शक्तिकांत दास के कार्यकाल का यह आखिरी फैसला हो सकता है। शेयर...

नेशनल डेस्क: आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक से देशवासियों को बड़ी उम्मीदें हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि RBI अपनी रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती कर सकता है, जिससे लोन लेने वालों को राहत मिल सकती है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि RBI रेपो रेट को स्थिर बनाए रख सकता है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में यह बैठक हो रही है, और उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में रिजर्व बैंक के फैसले का ऐलान किया जाएगा। वर्तमान में रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर है। यदि इसमें कटौती होती है, तो इसका सीधा असर होम लोन की EMI पर पड़ेगा, जो कम हो सकती है।

क्यों हो सकती है कटौती?
देश की जीडीपी (GDP) के ताजे आंकड़ों में कमजोर वृद्धि दिखाई दी है। भारत की जीडीपी वृद्धि दर दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी रही, जबकि बाजार की उम्मीदें इससे ज्यादा की थीं। इसके अलावा, महंगाई दर भी RBI के अनुमानित स्तर से ऊपर बनी हुई है। रुपये की गिरावट और आयात लागत में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति में भी इजाफा हुआ है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए, RBI  इन आर्थिक संकेतकों को संतुलित करने के लिए रेपो रेट में कटौती का फैसला ले सकता है। यह RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल का आखिरी मॉनेटरी पॉलिसी फैसला हो सकता है, क्योंकि उनका कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। इस बैठक में लिए गए फैसलों का असर न सिर्फ अर्थव्यवस्था पर, बल्कि आम लोगों की वित्तीय स्थिति पर भी होगा।

फरवरी 2023 में हुआ था आखिरी बदलाव
RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था, जब इसे 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया था। तब से अब तक इसे स्थिर रखा गया है। हालांकि, महंगाई और आर्थिक विकास की रफ्तार को ध्यान में रखते हुए, एक बार फिर से रेपो रेट में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। रेपो रेट और बैंकों द्वारा लोन पर निर्धारित ब्याज दरों के बीच सीधा संबंध होता है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों के पास सस्ता पैसा उपलब्ध होता है, जिससे बैंकों द्वारा लोन पर ब्याज दर घटाई जाती है और होम लोन की EMI भी कम हो जाती है। इसके अलावा, रेपो रेट के घटने से शेयर बाजार में सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि सस्ते पैसे की उपलब्धता से निवेशक अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।

अगर RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो शेयर बाजार में एक सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है। लेकिन अगर बाजार में स्थिरता बनी रहती है या रेट कटौती नहीं होती है, तो निवेशकों को थोड़ा दबाव झेलना पड़ सकता है। ऐसे में निवेशकों को अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करने की जरूरत हो सकती है। RBI का यह फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था और आम नागरिकों की वित्तीय स्थिति पर बड़ा असर डाल सकता है। खासकर होम लोन लेने वालों के लिए यह राहत का अवसर हो सकता है। इसके साथ ही, शेयर बाजार में भी इस फैसले का गहरा प्रभाव पड़ेगा, जिसे निवेशकों को ध्यान में रखना होगा।

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