Edited By Mahima,Updated: 19 Nov, 2024 02:06 PM
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल रेन) कराने की अनुमति मांगी है, ताकि प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की अपील की और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मुद्दे...
नेशनल डेस्क: दिल्ली और उत्तर भारत में प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को कृत्रिम बारिश कराने के लिए पत्र लिखा है। उनका कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण अब बेहद गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है, और इससे निपटने के लिए कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल रेन) कराने की आवश्यकता है।
गोपाल राय का पत्र और प्रदूषण पर चिंता
गोपाल राय ने पत्र में कहा कि दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में इस समय स्मॉग और धुंध की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। प्रदूषण ने पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ गई हैं। उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से अनुरोध किया कि कृत्रिम बारिश के लिए अनुमति दी जाए ताकि प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके। राय के मुताबिक, इस समय प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश एकमात्र उपाय है, क्योंकि प्रदूषण ने यहां तक कि लोगों के सांस लेने में भी परेशानी पैदा कर दी है।
प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
गोपाल राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच राजनीति की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश के लिए बादलों में रसायन डालने) पर कोई ठोस बैठक नहीं कर रही है और इसका हल नहीं निकाल पा रही है। वहीं, ऑड-ईवन जैसे उपायों पर तो चर्चा हो रही है, लेकिन प्रदूषण के असली कारणों और समाधान पर केंद्र सरकार गंभीर नहीं हो रही है।
चिट्ठी के जरिए दबाव बनाने की कोशिश
गोपाल राय ने इस मामले में कई बार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात की है और चार बार पत्र भी लिखा है। राय के मुताबिक, उन्होंने अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और 19 नवंबर को केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कृत्रिम बारिश के बारे में बैठक बुलाने का अनुरोध किया था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारों को गंभीर कदम उठाने होंगे और इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
कृत्रिम बारिश से प्रदूषण में कमी की उम्मीद
कृत्रिम बारिश, जिसे क्लाउड सीडिंग भी कहा जाता है, एक ऐसी तकनीक है जिसमें बादलों में रसायन डाले जाते हैं ताकि बारिश हो सके और वायुमंडल से प्रदूषित तत्वों को नीचे गिराया जा सके। इससे हवा में घुले धुंए और धूल को कम करने में मदद मिलती है, जिससे प्रदूषण का स्तर घटता है और लोगों को सांस लेने में राहत मिलती है। गोपाल राय का मानना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल दिल्ली और पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण को नियंत्रित करने में प्रभावी साबित हो सकता है।
दिल्ली के प्रदूषण की बढ़ती समस्या
दिल्ली का प्रदूषण पिछले कुछ वर्षों से लगातार एक गंभीर समस्या बन चुका है, खासकर सर्दी के मौसम में। नवंबर और दिसंबर में, हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो जाती है, जिससे सांस से जुड़ी बीमारियों में वृद्धि होती है। इस समय दिल्ली में स्मॉग की परतें छाई हुई हैं, और लोग इस धुंध में निकलने में भी डरते हैं। प्रदूषण के कारण अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
आगे की योजना और सरकार का रुख
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए कई उपाय किए हैं, जैसे कि निर्माण कार्यों पर रोक, स्कूलों में छुट्टियां, और सार्वजनिक परिवहन के लिए ऑड-ईवन योजना लागू करना। हालांकि, गोपाल राय का कहना है कि इन उपायों से प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। उन्होंने केंद्रीय सरकार से आग्रह किया है कि वह इस पर जल्द से जल्द बैठक बुलाकर कोई ठोस कदम उठाए। दिल्ली के प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए गोपाल राय ने कृत्रिम बारिश के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अनुमति देने का अनुरोध किया है। उनका मानना है कि प्रदूषण को कम करने का यह सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस मामले में कब और क्या कदम उठाती है, ताकि दिल्ली और उत्तर भारत के लाखों लोग प्रदूषण से राहत पा सकें।