LAC पर सेनाओं के पीछे हटने का काम पूरा, अब तनाव कम करने पर ध्यान: विदेश मंत्री जयशंकर

Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Nov, 2024 06:20 PM

withdrawal of troops on lac is complete foreign minister jaishankar

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ ‘समस्या' के हल के एक हिस्से के तौर पर पिछले महीने सहमति के बाद सेनाओं के पीछे हटने का काम पूरा हो गया है और अब आगे ध्यान तनाव कम करने पर होगा।

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ ‘समस्या' के हल के एक हिस्से के तौर पर पिछले महीने सहमति के बाद सेनाओं के पीछे हटने का काम पूरा हो गया है और अब आगे ध्यान तनाव कम करने पर होगा। जयशंकर ने पिछले दौर की सैन्य वापसी के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में कुछ सुधार की उम्मीद को ‘उचित अनुमान' बताया, लेकिन यह कहने से परहेज किया कि द्विपक्षीय संबंध पुराने स्वरूप में लौट सकते हैं।

उन्होंने ‘एचटी लीडरशिप समिट' में कहा, ‘‘मैं सेनाओं के पीछे हटने को बस उनके पीछे हटने के रूप में देखता हूं, न उससे कुछ ज्यादा, न कुछ कम। यदि आप चीन के साथ वर्तमान स्थिति को देखते हैं तो हमारे सामने एक ऐसा मुद्दा रहा कि हमारे सैनिक असहज तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के बिल्कुल करीब हैं जिससे हमें उनके पीछे हटने का कदम उठाने की जरूरत पड़ी।'' उन्होंने कहा, ‘‘और इसलिए 21 अक्टूबर की यह सहमति सेनाओं के पीछे हटने से जुड़ी सहमतियों में आखिरी थी। इसके क्रियान्वयन के साथ ही इस समस्या के हल की दिशा में सेनाओं के पीछे हटने का काम पूरा हो गया।''

जयशंकर की टिप्पणी इस सवाल के जवाब में आई कि क्या पिछले महीने दोनों पक्षों द्वारा सेनाओं को पीछे हटाना भारत और चीन के बीच संबंधों के पुराने स्वरूप में लौटने की शुरुआत थी। विदेश मंत्री ने कहा कि संबंधों की वर्तमान स्थिति ऐसे निष्कर्ष पर नहीं पहुंचाती है। भारतीय और चीनी सेनाओं ने पिछले महीने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लद्दाख में डेमचॉक और डेपसांग में पीछे हटने का काम पूरा किया। इससे पहले दोनों पक्ष लंबे समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उत्पन्न विवाद को सुलझाने के लिए एक सहमति पर पहुंचे थे। दोनों पक्षों ने करीब साढ़े चार साल के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्ती गतिविधियां भी बहाल कीं।

अपनी टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करना अगला कदम होगा। उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘सेनाओं का पीछे हटना हमें कहां ले जायेगा, यह उचित अनुमान होगा कि संबंधों में कुछ सुधार होगा।'' संपूर्ण भारत चीन संबंध के बारे में जयंशकर ने विभिन्न कारकों की चर्चा की और कहा कि यह ‘जटिल' संबंध है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया खासकर ऐसे वक्त में भारत के राजनीतिक स्थायित्व को निहार रही है जब विश्व के अधिकतर देश राजनीतिक अस्थायित्व से जूझ रहे हैं।

उन्होंने इस साल के संसदीय चुनाव के परिणाम के बारे में कहा, ‘‘ ऐसे समय में एक लोकतंत्र में तीसरी बार निर्वाचित होना कोई साधारण चीज नहीं है।'' अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर जयशंकर ने कहा कि इससे अमेरिका के बारे में काफी कुछ परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अमेरिकी चुनाव हमें अमेरिका के बारे में बहुत कुछ बताता है। यह हमें बताता है कि डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल के सरोकार और प्राथमिकताएं और गंभीर हो गयी हैं, वे खत्म नहीं हुई हैं।''

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