ATM से पैसे निकालना अब होगा महंगा, RBI ने बढ़ाई फीस, 1 मई से लागू

Edited By Mahima,Updated: 26 Mar, 2025 10:38 AM

withdrawing money from atm will now be expensive rbi

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 मई 2025 से एटीएम ट्रांजैक्शन फीस बढ़ाने का फैसला किया है। अब दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर शुल्क 19 रुपये हो जाएगा, जो पहले 17 रुपये था। बैलेंस चेक पर भी शुल्क बढ़कर 7 रुपये हो जाएगा। यह बदलाव व्हाइट-लेवल एटीएम...

नेशनल डेस्क: अगर आप अक्सर ATM से पैसे निकालते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ATM ट्रांजैक्शन फीस में बढ़ोतरी की मंजूरी दी है, जो 1 मई 2025 से लागू होगी। अब आपको दूसरे बैंक के ATM से पैसे निकालने पर ज्यादा शुल्क चुकाना होगा। आइए जानते हैं इससे जुड़ी सारी जानकारी विस्तार से।

1 मई से बढ़ेगी ATM ट्रांजैक्शन फीस
1 मई 2025 से यदि आप अपने बैंक के ATM के बजाय किसी दूसरे बैंक के ATM का इस्तेमाल करेंगे, तो आपको अतिरिक्त चार्ज देना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत यह शुल्क बढ़ाया जा रहा है। इस बढ़ोतरी का उद्देश्य बढ़ती परिचालन लागतों का सामना करना है, खासकर व्हाइट-लेवल ATM ऑपरेटर्स के लिए।

क्या है बढ़ी हुई फीस?
अब तक, अगर आप अपने होम बैंक के अलावा किसी दूसरे बैंक के ATM से पैसे निकालते थे, तो आपको 17 रुपये का शुल्क देना पड़ता था। 1 मई से यह शुल्क बढ़कर 19 रुपये हो जाएगा। इसके अलावा, अगर आप दूसरे बैंक के ATM से बैलेंस चेक करते थे, तो पहले आपको 6 रुपये का शुल्क चुकाना पड़ता था, जिसे अब बढ़ाकर 7 रुपये कर दिया गया है। 

फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट क्या होगी?
रिजर्व बैंक के नए नियम के अनुसार, यदि आप ATM से पैसे निकालने के लिए दूसरे बैंक के ATM का इस्तेमाल करते हैं, तो यह शुल्क तब लागू होगा जब आपकी बैंक द्वारा निर्धारित फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट समाप्त हो चुकी होगी। मेट्रो शहरों में, दूसरे बैंक के ATM से पांच फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट दी जाती है। वहीं, नॉन-मेट्रो शहरों में यह लिमिट तीन ट्रांजैक्शन की है। इसके बाद आपको बढ़ी हुई फीस का भुगतान करना होगा। 

व्हाइट-लेवल ATM ऑपरेटर्स की बढ़ी हुई फीस की मांग
यह फीस वृद्धि व्हाइट-लेवल ATM ऑपरेटर्स की लगातार बढ़ती परिचालन लागतों के कारण हुई है। इन ऑपरेटर्स का कहना था कि पुराने शुल्क अब उनकी लागतों को कवर नहीं कर पा रहे थे। व्हाइट-लेवल ATM वह ATM होते हैं जो किसी खास बैंक से जुड़े नहीं होते, बल्कि किसी तृतीय पक्ष द्वारा संचालित होते हैं। इन ऑपरेटर्स की लागत बढ़ने की वजह से उन्होंने इस शुल्क वृद्धि की मांग की थी। 

क्या है इंटरचेंज फीस?
इंटरचेंज फीस वह राशि है जो एक बैंक दूसरे बैंक को तब देता है, जब एक ग्राहक दूसरे बैंक के ATM का उपयोग करता है। यह शुल्क बैंक को दूसरे बैंक के ATM से ट्रांजैक्शन के लिए भुगतान करता है। जब एक ग्राहक किसी अन्य बैंक के ATM से पैसे निकालता है या बैलेंस चेक करता है, तो यह इंटरचेंज फीस लागू होती है। 

छोटे बैंकों पर इसका कैसा होगा दबाव
इस बढ़ी हुई इंटरचेंज फीस से खासकर छोटे बैंकों पर दबाव बढ़ सकता है। छोटे बैंक अपने सीमित इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण दूसरे बड़े बैंकों के ATM नेटवर्क पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। ऐसे में यह शुल्क वृद्धि इन बैंकों की लागत को बढ़ा सकती है, जो उनकी सेवाओं के लिए एक चुनौती हो सकती है। 

ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर ?
इस बढ़ोतरी का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा, क्योंकि उन्हें हर ट्रांजैक्शन के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। हालांकि, यह शुल्क तब ही लागू होगा जब ग्राहक अपनी बैंक द्वारा निर्धारित फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट का उल्लंघन करेगा। अगर ग्राहक खुद के बैंक के ATM से पैसे निकालते हैं, तो कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अलावा, यह बदलाव ATM से पैसे निकालने को महंगा बना सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो दूसरे बैंक के ATM का अधिक उपयोग करते हैं। 
 

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