Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Jan, 2025 01:52 PM
राजस्थान के बारां जिला अस्पताल के एमसीएच यूनिट में भर्ती एक गर्भवती महिला की शनिवार को मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगाए जाने और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण महिला की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद...
नेशनल डेस्क: राजस्थान के बारां जिला अस्पताल के एमसीएच यूनिट में भर्ती एक गर्भवती महिला की शनिवार को मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगाए जाने और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण महिला की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद अस्पताल में हंगामा हुआ, और परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शिकायत की।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए लेखराज शर्मा, जो मृतक महिला कोनिका के पति हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी को शुक्रवार रात प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार सुबह चिकित्सकों ने उसकी जांच की और कुछ जांचों के लिए सैंपल लिया। कुछ समय बाद, लेखराज को उनकी मां ने फोन करके बताया कि चिकित्सकों ने कोनिका को एक इंजेक्शन दिया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी।
महिला और गर्भस्थ शिशु की मौत
लेखराज ने अस्पताल जाकर देखा कि कोनिका को चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ घेर कर सीपीआर दे रहे थे। डॉक्टरों ने बताया कि गर्भस्थ शिशु की धड़कन बंद हो गई थी। इसके बाद, लेखराज से खाली कागज पर हस्ताक्षर कराए गए और कोनिका को कोटा अस्पताल रेफर किया गया। कोटा अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने कोनिका को मृत घोषित कर दिया और कुछ देर बाद गर्भस्थ शिशु की भी मौत हो गई।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे
इस घटना के बाद, बारां जिला अस्पताल में हंगामा मच गया। परिजनों का आरोप था कि महिला की मौत गलत इंजेक्शन और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण हुई। इस सूचना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे। पुलिस उपाधीक्षक ओमेन्द्र सिंह शेखावत, कोतवाली प्रभारी योगेश चौहान, उपखंड अधिकारी अभिमन्यु सिंह और पीएमओ डॉ. नरेंद्र मेघवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत किया।
रिपोर्ट मिलने के बाद की जाएगी कार्रवाई
कोतवाली प्रभारी योगेश चौहान ने बताया कि परिजनों ने गलत इंजेक्शन के कारण मौत का आरोप लगाया है और कोटा अस्पताल में भी यही बात कही गई। परिजनों की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल का बयान
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि गर्भवती महिला की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और कोटा रेफर किया गया था। गायनी विभागाध्यक्ष डॉ. मधु मीणा ने महिला का निरीक्षण किया था, और उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे कोटा भेजने का निर्णय लिया।