Edited By Harman Kaur,Updated: 10 Feb, 2025 02:19 PM
![woman and her 2 daughters die tragically in a horrific road accident](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_14_19_39806542055-ll.jpg)
राजस्थान के जयपुर में सोमवार को सड़क हादसे में एक महिला व उसकी दो बेटियों की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। हादसे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। साथ ही शवों को कब्जे में लेकर...
नेशनल डेस्क: राजस्थान के जयपुर में सोमवार को सड़क हादसे में एक महिला व उसकी दो बेटियों की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। हादसे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। साथ ही शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार, हादसा सोमवार सुबह चोमूं-रेनवाल राजमार्ग पर दो कारों की आमने सामने की टक्कर के कारण हुआ। इससे वहां भारी जाम लग गया। क्षतिग्रस्त वाहनों को क्रेन की मदद से हटाया गया, जिसके बाद यातायात बहाल हो सका। रेनवाल के थाना प्रभारी देवेंद्र चावला ने बताया कि हरसोली ईंट भट्टे के पास दो कारों के बीच टक्कर हुई। इस दुर्घटना में सभी घायलों को दो एंबुलेंस की मदद से रेनवाल (जयपुर) उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें चौमूं रेफर कर दिया गया।
पुलिस के अनुसार, किशनगढ़ रेनवाल पंचायत समिति की ग्राम पंचायत मलिकपुर के बाबूलाल यादव सोमवार सुबह अपने परिवार के साथ निकले थे। उनकी कार, सामने से आ रही कार से टकरा गई। पुलिस ने बताया कि कार में सवार बाबूलाल यादव की पत्नी जमना देवी (48) और उनकी बेटी शिमला (26) की मौके पर ही मौत हो गई। कार में सवार बाबूलाल यादव, उनका बेटा सुनील और 2 बेटियां राजू और लक्ष्मी घायल हो गए। इलाज के दौरान लक्ष्मी (20) की भी मौत हो गई।
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डबवाली के गुरु जंभेश्वर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे न केवल अपनी शिक्षा में आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि वे पर्यावरण और पशुओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझ रहे हैं। यहां के बच्चे रोज अपने टिफिन में एक रोटी गाय और एक चिड़ीया के लिए लेकर आते हैं। इस रोटी को सुबह की प्रार्थना के बाद चिड़ियों को डाला जाता है और फिर बची हुई रोटियां गोशाला में भेज दी जाती हैं। यह पहल पिछले एक साल से चल रही है और यह श्रीगुरु जंभेश्वर शिक्षा समिति द्वारा संचालित इस स्कूल का हिस्सा है। बच्चों के साथ शिक्षक भी गाय और चिड़ियों के लिए रोटी लाते हैं। बच्चों की इस आदत से वे प्राकृतिक संसाधनों और जीवों के प्रति अधिक संवेदनशील और जागरूक हो रहे हैं। वे प्रकृति के साथ करीबी महसूस कर रहे हैं और भावनात्मक रूप से भी मजबूत हो रहे हैं।