Edited By Mahima,Updated: 30 Oct, 2024 02:17 PM
हैदराबाद के बंजारा हिल्स में मोमो खाने के बाद 33 वर्षीय रेशमा बेगम की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य लोग फूड पॉइज़निंग का शिकार हो गए। रेशमा ने अपनी बेटियों के साथ एक स्ट्रीट वेंडर से मोमो खाए। पुलिस जांच में पाया गया कि वेंडर बिना खाद्य सुरक्षा लाइसेंस के...
नेशनल डेस्क: हैदराबाद के बंजारा हिल्स इलाके में एक बेहद दुखद घटना घटी, जब 33 वर्षीय महिला रेशमा बेगम की मोमो खाने के बाद मौत हो गई। इसके अलावा, इस घटना के कारण 20 अन्य लोग भी फूड पॉइज़निंग का शिकार हो गए। यह मामला केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल उठाता है।
दो बेटियों अकेली मां
रेशमा बेगम, जो एक अकेली मां थीं, ने शुक्रवार को अपनी 12 और 14 वर्षीय बेटियों के साथ खैरताबाद में एक स्ट्रीट वेंडर से मोमो खरीदे। मोमो खाने के तुरंत बाद, रेशमा और उनकी बेटियों को पेट दर्द, दस्त और उल्टी की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। हालांकि बेटियों की हालत थोड़ी स्थिर है, लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दुर्भाग्यवश, रेशमा बेगम की हालत रविवार की सुबह बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया।
पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की जांच
रेशमा की मौत के बाद उनके परिवार ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बंजारा हिल्स पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर राम बाबू ने बताया कि जब पुलिस को शिकायत मिली, तो उन्होंने तुरंत मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि महिला और अन्य पीड़ितों ने एक ही स्ट्रीट वेंडर से मोमो खाए थे। इसके परिणामस्वरूप 15 अन्य लोग भी विभिन्न स्थानों पर फूड पॉइज़निंग से पीड़ित हो गए। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि वेंडर बिना किसी खाद्य सुरक्षा लाइसेंस के काम कर रहा था। इसके अलावा, भोजन को अस्वच्छ परिस्थितियों में तैयार किया जा रहा था। खासकर, मोमोज बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया आटा बिना किसी पैकिंग के एक टूटी हुई रेफ्रिजरेटर में रखा गया था, जिससे साफ-सफाई की स्थिति संदिग्ध हो गई थी।
प्रशासनिक कार्रवाई
हैदराबाद के ग्रेटर नगर निगम के खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी मामले में हस्तक्षेप किया। खाद्य विक्रेता के पास से नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच के बाद, दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। यह प्रशासन की ओर से एक सख्त कदम है, जो दर्शाता है कि वे इस तरह के मामलों को लेकर गंभीर हैं।
खाद्य सुरक्षा पर गंभीर चिंता
यह घटना खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता और जिम्मेदारी पर एक गहन चर्चा को जन्म देती है। खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का पालन करना हर स्ट्रीट वेंडर का कर्तव्य है। यदि ऐसे विक्रेताओं को सख्ती से नियंत्रित नहीं किया गया, तो भविष्य में और भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं। स्थानीय नागरिकों को भी इस मामले में जागरूक रहना होगा और असुरक्षित खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि हमारी सुरक्षा और स्वास्थ्य कितनी महत्वपूर्ण है। खाद्य सुरक्षा के मानकों का पालन न करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। हमें केवल सुरक्षित भोजन की आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि हर कोई सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से अपना भोजन प्राप्त कर सके। समाज को इस तरह की घटनाओं से सबक लेना चाहिए और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।