Edited By Parminder Kaur,Updated: 01 Dec, 2024 04:27 PM
मुंबई में एक और डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एक महिला को ठग लिया और उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया। पीड़ित महिला को ठगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से कपड़े उतारने को मजबूर किया और 1.7 लाख रुपए की ठगी की। यह मामला...
नेशनल डेस्क. मुंबई में एक और डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एक महिला को ठग लिया और उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया। पीड़ित महिला को ठगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से कपड़े उतारने को मजबूर किया और 1.7 लाख रुपए की ठगी की। यह मामला मुंबई के बोरीवली ईस्ट इलाके का है, जहां पीड़ित महिला एक फॉर्मा कंपनी में काम करती है।
19 नवंबर को शुरू हुआ ठगी का खेल
पीड़ित महिला के मुताबिक, ठगों ने 19 नवंबर को उससे संपर्क किया और एक बिजनेसमैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसके शामिल होने का आरोप लगाया। इसके बाद उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी। महिला डरकर ठगों की बातों में आ गई और उनके निर्देशों का पालन करने लगी।
वेरिफिकेशन के नाम पर ठगों ने महिला से पैसे मंगवाए
ठगों ने महिला को वीडियो कॉल के दौरान होटल में एक कमरा बुक करने के लिए कहा। इसके बाद बैंक खाता वेरिफिकेशन के नाम पर उनसे 1.7 लाख रुपए ट्रांसफर करवाए। महिला ने डर के मारे ठगों की बात मानी और पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठगों ने महिला से कहा कि उसका बॉडी वेरिफिकेशन करना है, जिसके लिए उसे कपड़े उतारने के लिए कहा गया, जब महिला को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने तुरंत पुलिस में शिकायत की।
पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच
महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि एफआईआर 28 नवंबर को दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की है।
यह पहला मामला नहीं है, जब मुंबई में साइबर ठगों ने किसी महिला को शिकार बनाया हो। इससे पहले एक 77 साल की महिला के साथ भी साइबर ठगों ने ठगी की थी। ठगों ने महिला को खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए फोन किया और झूठे मामलों में फंसाकर उसे करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया था।
रिटायर्ड शिप कैप्टन भी हुए थे ठगी का शिकार
एक और मामला हाल ही में सामने आया था, जिसमें 75 वर्षीय रिटायर्ड शिप कैप्टन को ठगों ने शेयर बाजार में निवेश का झांसा दिया और उसे करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया। यह ठगी अगस्त से नवंबर 2024 तक की गई थी, जिसमें ठगों ने 11.16 करोड़ रुपये की ठगी की थी।
सावधानी बरतने की जरूरत
इन मामलों से साफ है कि साइबर ठग अब अधिक शातिर तरीके से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे मामलों में पुलिस और साइबर सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि लोगों को अनजान कॉल्स और संदेशों से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी प्रकार की निजी जानकारी साझा करने से बचना चाहिए।