Edited By vasudha,Updated: 06 Apr, 2018 03:46 PM
दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवा में सुधार के कितने भी दावे करे, लेकिन अस्पतालों में लापरवाही के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पूर्वी दिल्ली के लाल बहादुर अस्पताल में डॉक्टर ने एक गर्भवती महिला को सिर्फ इसलिए इलाज करने से इंकार कर दिया कि उसके पास...
नेशनल डेस्क: दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवा में सुधार के कितने भी दावे करे, लेकिन अस्पतालों में लापरवाही के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पूर्वी दिल्ली के लाल बहादुर अस्पताल में डॉक्टर ने एक गर्भवती महिला को सिर्फ इसलिए इलाज करने से इंकार कर दिया कि उसके पास कोई मेडिकल रिकॉर्ड नहीं था। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला ने अस्पताल परिसर में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
अस्पताल प्रशासन में मचा हड़कंप
इमरजेंसी गेट के बाहर खुले में डिलीवरी होने की सूचना पर अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया और मां और बच्चे को अस्पताल में दाखिल किया। अब अस्पताल प्रशासन अपनी गलती को पीड़ित पर थोप रहा है। अस्पताल की एमएस अमिता सक्सेना के मुताबिक महिला से मेडिकल रिकॉर्ड मांगा गया था जिसे लाने के लिए वह खुद चली गई जहां उसकी डिलिवरी हो गयी। मां और बच्चे की हालत खतरे से बाहर है।
महिला के कटवाए घंटों चक्कर
जानकारी के अनुसार दिल्ली से सटे नोएडा में रहने वाली 22 साल की उमा अपने पति के साथ पूर्वी दिल्ली के लाल बहादुर अस्पताल में प्रसव पीड़ा की वजह से आयी थी। आरोप है कि पर्ची कटाने के बाद जब वह गाइनोक्लोजी वार्ड पहुंची तो वहां मौजूद डॉक्टर ने उससे पुराना मेडिकल रिकॉर्ड मांगा। महिला ने जब पुराना रिकॉर्ड नहीं होने की बात कही तो डॉक्टर ने उसे वहां से भगा दिया। महिला जब बाहर निकली तो अस्पताल परिसर में इमरजेंसी के गेट पर ही उसकी डिलिवरी हो गयी। उसने बेटे को जन्म दिया। अस्पताल में मौजूद लोगों के मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने महिला और उसके पति को घंटो चक्कर कटवाया। उसके बावजूद उसे भगा दिया गया।