Edited By Radhika,Updated: 28 Mar, 2025 11:46 AM

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि जेल में बंद महिला कैदियों के साथ गलत काम हो रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि महिला कैदियों को फिज़िकल होने के लिए मजबूर किया जाता है।
नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि जेल में बंद महिला कैदियों के साथ गलत काम हो रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि महिला कैदियों को फिज़िकल होने के लिए मजबूर किया जाता है। यदि वे ऐसा करने से मना करती हैं तो उन्हें सज़ा दी जाती थी। इसके साथ ही एक चिट्ठी भी शामिल है, जो पीएम मोदी के नाम लिखी गई बताई जा रही है। आइए जानते हैं इस वायरल पोस्ट की सच्चाई क्या है।
क्या है वायरल पोस्ट का दावा?
वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि महिला कैदी ने पीएम को चिट्ठी लिखकर आपबीती सुनाई है। इसी के साथ उन्होंने आरोप लगाया है कि जेल में अधिकारी महिला कैदियों के साथ शारीरिक शोषण करते हैं। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि जब कोई महिला कैदी इस शोषण का विरोध करती है, तो उसे सजा के तौर पर खाना-पीना बंद कर दिया जाता है और मानसिक एवं शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

अखबार की कटिंग का उठाया गया मुद्दा-
यह वायरल पोस्ट दरअसल एक अखबार की कटिंग पर आधारित है, जो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है। एक्स यूज़र ने इसे अपने अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा- “धिक्कार है ऐसे पीएम पर, जो इन महिलाओं की सुरक्षा अभी तक नहीं कर रहा है!” इसके बाद इस पोस्ट को कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी शेयर किया है, जिससे यह मुद्दा और बढ़ गया है।
क्या है इस मामले का सच?
जब इस वायरल पोस्ट के तथ्यों की जांच की गई, तो पता चला कि यह खबर सच्ची है, लेकिन यह घटना ताजा नहीं है। यह मामला पहले भी सुर्खियों में आ चुका था। इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बिहार सरकार से रिपोर्ट भी मांगी थी और जांच की प्रक्रिया की शुरुआत की थी। इस मामले में राज्य सरकार, जिलाधिकारी (डीएम) और अन्य संबंधित अधिकारियों ने जांच और कार्रवाई की थी, जो उस समय पूरी हुई थी।
क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई हुई थी?
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस मामले को गंभीरता से लिया गया था और बिहार सरकार से पूरी जानकारी मांगी गई थी। साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने भी मामले की जांच की और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। हालांकि, सोशल मीडिया पर जो पोस्ट वायरल हो रही है, वह घटना पुरानी होने के बावजूद अब फिर से चर्चा का विषय बन गई है।