Edited By Parveen Kumar,Updated: 01 Mar, 2025 11:50 PM
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चमोली जिले के माणा के पास 55 निर्माण श्रमिकों की जिंदगी में शुक्रवार (28 फरवरी 2025) को अचानक बर्फीला तूफान आ गया। गोपाल जोशी, जो इस समय वहां काम कर रहे थे, रोज की तरह सर्द सुबह को लेकर बाहर निकले, लेकिन उन्होंने देखा कि तेज गति से बर्फ का सैलाब...
नेशनल डेस्क : चमोली जिले के माणा के पास 55 निर्माण श्रमिकों की जिंदगी में शुक्रवार (28 फरवरी 2025) को अचानक बर्फीला तूफान आ गया। गोपाल जोशी, जो इस समय वहां काम कर रहे थे, रोज की तरह सर्द सुबह को लेकर बाहर निकले, लेकिन उन्होंने देखा कि तेज गति से बर्फ का सैलाब उनकी ओर आ रहा था। यह सैलाब इतनी तेजी से बढ़ा कि वह अपनी जान बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर पाए।
हिमस्खलन में 50 मजदूरों को तो बचा लिया गया, लेकिन चार मजदूरों की मौत हो गई। गोपाल जोशी, जो चमोली जिले के नारायणबागर के निवासी हैं, पिछले कई महीनों से एक एक्सीलेटर मशीन चला रहे थे। यह सभी मजदूर विजय इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी के तहत सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप में काम कर रहे थे।
गोपाल जोशी का अनुभव
गोपाल जोशी ने घटना के बारे में बताते हुए कहा, "यह सब बहुत अचानक हुआ। जैसे ही हम कंटेनर से बाहर निकले, हमें तेज आवाज़ सुनाई दी। ऊपर देखा तो बर्फ का सैलाब हमारी तरफ आ रहा था। मैंने अपने साथियों को आवाज़ देकर चेतावनी दी और वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन बर्फ की मोटी परत की वजह से हम जल्दी नहीं भाग पाए।"
मशीन के पीछे छिपे मजदूर
हिमाचल प्रदेश के विपिन कुमार ने बताया कि वे करीब 15 मिनट तक बर्फ के नीचे दबे रहे, और बाद में जब हिमस्खलन रुक गया, तो वे बाहर निकल पाए। मनोज भंडारी ने बताया कि जब बर्फ के पहाड़ खिसके, तो वे खुद को बचाने के लिए लोडर मशीन के पीछे भागे। मथुरा के तीन मजदूरों ने बताया कि बर्फ के कारण वे जल्दी से नहीं बच सके।
सभी घायल मजदूरों को सेना के हेलीकॉप्टर से माणा से ज्योतिर्मठ लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से कुछ मजदूरों को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें ऋषिकेश एम्स भेजा गया। इन मजदूरों का इलाज जारी है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
मजदूरों का समूह
यह घटना उन 55 मजदूरों के साथ हुई, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से थे और जिन्हें जीआरईएफ द्वारा अनुबंधित किया गया था।