Edited By Rohini Oberoi,Updated: 04 Feb, 2025 10:31 AM
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले रही है। साल 2023 में कैंसर से लगभग 96 लाख से 1 करोड़ लोगों की मौत हुई यानी हर दिन करीब 26,300 लोग इस बीमारी का शिकार हुए। अब ब्रिटेन के वैज्ञानिक एक ऐसी वैक्सीन को बनाने की दिशा में काम कर...
नेशनल डेस्क। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले रही है। साल 2023 में कैंसर से लगभग 96 लाख से 1 करोड़ लोगों की मौत हुई यानी हर दिन करीब 26,300 लोग इस बीमारी का शिकार हुए। अब ब्रिटेन के वैज्ञानिक एक ऐसी वैक्सीन को बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं जो इस घातक बीमारी को एक-दो नहीं बल्कि 20 साल पहले ही रोक सकती है। इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके इलाज के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए हर साल 4 फरवरी को 'विश्व कैंसर दिवस' मनाया जाता है।
कैसे काम करेगी यह वैक्सीन?
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक फार्मास्युटिकल कंपनी जीएसके के साथ मिलकर इस वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह टीका शरीर में मौजूद 'अज्ञात कैंसर सेल्स' (Hidden Cancer Cells) का पता लगाकर उन्हें खत्म कर देगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह वैक्सीन कैंसर को विकसित होने से पहले ही रोक सकती है।
कैंसर को बनने में लगता है 20 साल का समय
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में ऑन्कोलॉजी की प्रोफेसर सारा ब्लागडेन के अनुसार कैंसर के बनने में 20 साल तक का समय लग सकता है। यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है क्योंकि एक सामान्य कोशिका को कैंसर बनने में कई साल लगते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार कैंसर को बनने से पहले एक विशेष अवस्था से गुजरना पड़ता है जिसे 'प्री-कैंसर स्टेज' कहा जाता है। इस नई वैक्सीन का उद्देश्य बीमारी का सिर्फ इलाज नहीं बल्कि इसे शुरू होने से पहले ही खत्म करना है।
वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
प्रोफेसर सारा ब्लागडेन के अनुसार, 'जीएसके-ऑक्सफोर्ड कैंसर इम्यूनो-प्रिवेंशन प्रोग्राम' इस वैक्सीन को विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नई तकनीकों की मदद से अब वैज्ञानिक कैंसर के बनने से पहले उसकी पहचान कर सकते हैं और इस पर समय रहते नियंत्रण पा सकते हैं।
"अब हम जान चुके हैं कि किन कोशिकाओं में कैंसर बनने की संभावना है। इसी आधार पर हम एक वैक्सीन डिजाइन कर सकते हैं जो कैंसर के बनने से पहले ही इसे खत्म कर दे," प्रोफेसर सारा ने बताया।
कैंसर की वैक्सीन पहले भी बनाई गई थी
इससे पहले भी कैंसर से बचाने के लिए कुछ टीकों का विकास किया गया है जैसे एचपीवी (HPV) और हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) वैक्सीन जो कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं लेकिन यह नई वैक्सीन इससे अलग होगी क्योंकि यह शरीर में छिपे प्री-कैंसर सेल्स को पहचानकर उन्हें खत्म कर देगी।
कब तक उपलब्ध होगी यह वैक्सीन?
इस कैंसर वैक्सीन के लिए जीएसके ने 538 करोड़ रुपये (लगभग £50 मिलियन) का निवेश किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इसके नैदानिक परीक्षण सफल रहते हैं तो आने वाले वर्षों में कैंसर से बचाव बेहद आसान हो जाएगा। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह टीका आम लोगों के लिए कब तक उपलब्ध होगा।
वहीं अगर यह वैक्सीन सफल होती है तो यह चिकित्सा जगत में एक बहुत बड़ी क्रांति होगी और कैंसर से होने वाली लाखों मौतों को रोका जा सकेगा।