Naglok Temple: विश्व का पहला नागलोक मंदिर बनकर तैयार...सोनिया गांधी भी जाएंगी पूजा-अर्चना करने

Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Aug, 2023 01:30 PM

world s first naglok temple ready

विश्व का पहला नागलोक मंदिर बनकर तैयार हो गया है और जल्द ही श्रद्धालु इसमें पूजा-अचर्ना कर सकेंगे। यह भव्य मंदिर कंडाघाट के समीप रामलोक में बन कर तैयार हो चुका है। अभी तक नागलोक मंदिर का निर्माण विश्व में पहले नहीं कहीं हुआ है। कई साल पहले केरल में...

नेशनल डेस्क: विश्व का पहला नागलोक मंदिर बनकर तैयार हो गया है और जल्द ही श्रद्धालु इसमें पूजा-अचर्ना कर सकेंगे। यह भव्य मंदिर कंडाघाट के समीप रामलोक में बन कर तैयार हो चुका है। अभी तक नागलोक मंदिर का निर्माण विश्व में पहले नहीं कहीं हुआ है। कई साल पहले केरल में नागलोक को स्थापित करने का प्रयास किया गया था लेकिन वहां सफलता हाथ नहीं लगी थी लेकिन सोलन के कंडाघाट के समीप अब इस नागलोक का निर्माण किया जा चुका है जिसमें 16 अगस्त से 25 अगस्त तक  सर्प महायज्ञ हवन का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी रामलोक मंदिर के संस्थापक बाबा अमरदेव ने मीडिया को दी।

 

वहीं इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम बड़े चेहरे शिमला और सोलन की सीमा पर बने इस मंदिर की चौखट पर नतमस्तक होंगे। बाबा अमरदेव ने बताया कि 25 अगस्त को रामलोक मंदिर परिसर में बनाए गए नागलोक मंदिर की स्थापना होगी और इस दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भी मौजूद रहेंगी। बाबा अमरदेव ने बताया कि पहला निमंत्रण गांधी परिवार को दिया गया है औऱ सोनिया गांधी ने मंदिर में हाजिरी भरने को हामी भरी है।

 

विश्व का पहला नागलोक

बाबा अमरदेव ने जानकारी देते हुए बताया कि यह विश्व का पहले नागलोक है। उन्होंने कहा कि द्वापर युग में जनमेजय ने जिस यज्ञ का आयोजन किया था वह यज्ञ पहली बार कलयुग में नाग लोक मंदिर में किया जा रहा है। यहां आठ कुल और 26 जातियों के नाग सहित नागकुल की महारानी की स्थापना शेषनाग के साथ की जाएगी। उन्होंने बताया कि 162 वर्ष पहले इस नागलोक मंदिर को केरल में स्थापित करने का प्रयास किया गया था लेकिन वहां के राजा की मृत्यु हो जाने के कारण नाग लोक की स्थापना नहीं हो पाई थी लेकिन अब इसकी स्थापना सोलन में की जा रही है।

 

सवा करोड़ ईंट से बना है मंदिर

रामलोक मंदिर में नागलोक की स्थापना की तैयारियां चल रही हैं। मंदिर में सवा करोड़ ईंटें लगाई गई हैं। मंदिर की ऊंचाई 450 फीट है। मंदिर को महल की शक्ल में तैयार किया गया है। मंदिर में एक गुप्त तहखाना भी बनाया जा रहा है। करीब 50 फुट गहराई वाले इस तहखाने में लोगों के अर्पित सोने और चांदी के नाग जमा होते रहेंगे। स्वामी अमरदेव ने बताया कि 16 अगस्त तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। इसके बाद 25 अगस्त तक मंदिर में यज्ञ चलेगा और इसी दिन से मंदिर को आम लोगों के दर्शनों के लिए खोला जाएगा।

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